(‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन’ अर्थात ‘उत्तर अटलांटिक करार संगठन’)
मॉस्को (रूस) – किसी भी परिस्थिति में रूस की सेना से ‘नाटो’ के सैनिकाें का सीधा संपर्क अथवा संघर्ष होने पर विश्व पर भारी संकट आ सकता है, ऐसी चेतावनी रूस के राष्ट्रध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है । कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में संपन्न पत्रकार परिषद में पुतिन ने यह चेतावनी दी । उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग रूस से संघर्ष करने की भाषा कर रहे हैं उनमें इतनी समझदारी है कि वे यह कदम न उठाएं, ऐसी मुझे आशा है ।’’
रूस ने यूक्रेन के ४ प्रदेश नियंत्रण में लेने के पश्चात पुतिन ने उनके देश के भूभाग के संरक्षण के लिए अण्वस्त्रों का उपयोग करने की चेतावनी गत माह दी थी । पुतिन की इस भूमिका का संयुक्त राष्ट्राें ने निषेध किया था ।
रूस की दायित्वशून्यता के कारण विश्व की शांति एवं सुरक्षा पर मंडराता संकट ! – ‘जी-७’ देश
रूस की दायित्वशून्य भूमिका के कारण विश्व की शांति एवं सुरक्षा संकट में पड गई है । रूस ने यदि यूक्रेन पर अण्वस्त्राें का उपयोग किया तो उसके गंभीर परिणाम भोगने होंगे, ऐसा ‘जी-७’ देशाें ने एक निवेदन में कहा है । ‘जी-७’ देशाें में इंग्लैंड, जर्मनी, इटली, कैनडा, अमेरिका, फ्रांस एवं जापान का समावेश है ।
अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष जो बायडन ने कहा है कि जग में शीतयुद्ध के उपरांत प्रथम बार ही अणुयुद्ध का संकट निर्माण हो गया है । पुतिन के अण्वस्त्राें संबंधी वक्तव्य को विनोद में न लिया जाए । वर्ष १९६२ में हुए क्यूबा के क्षेपणास्त्राें के आक्रमण के उपरांत पहली बार ही महायुद्ध समान परिस्थिति निर्माण होने की संभावना है ।