सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पहले घूस (रिश्वत) लेनेवाले को खोजना पडता था, अब घूस न लेनेवाले को खोजना पडता है !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘पहले घूस (रिश्वत) लेनेवाले को खोजना पडता था, अब घूस न लेनेवाले को खोजना पडता है !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले