कराची (पाकिस्तान) – दावत-ए-इस्लामी का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। हम एक शैक्षिक, धर्मप्रचारक और परोपकारी संगठन हैं। कराची में संगठन के मुख्यालय में एक वरिष्ठ मौलाना महमूद कादरी ने कहा, “हम विश्व भर में शांति का प्रसार करते हैं।” अन्वेषण से पता चला है कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के पीछे दावत-ए-इस्लामी का हाथ है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक प्रतिनिधि द्वारा संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि संगठन का उदयपुर की घटना के आरोपियों की कृतियों से कोई लेना-देना नहीं है। कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज अटारी और मोहम्मद गौस ने २०१५ में कुछ दिनों के लिए कराची के दावत-ए-इस्लामी मुख्यालय में प्रशिक्षण लिया था ।
दावत-ए-इस्लामी के उदयपुर हत्याकांड कनेक्शन पर पाकिस्तान की सफाई, बताया परोपकारी संगठन#Pakistan #udaipur #rajasthan #kanhaiyalalmurderhttps://t.co/nfZB4jGKjz
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) July 2, 2022
१. कादरी ने कहा, “विश्व भर से हजारों विद्यार्थी हमारे मुख्यालय में इस्लाम का अध्ययन करने आते हैं।” यहां कट्टरवाद का प्रचार व प्रसार नहीं किया जाता है। हमारा संगठन गैर राजनीतिक है। हमारे संगठन की विश्व भर में शाखाएँ हैं। हमारी एक दूरदर्शन वाहिनी व एक वेबसाइट भी है। १९८१ में हमारी स्थापना के उपरांत हमारा कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी हिंसा में सम्मिलित नहीं रहा । हम किसी को मारने के लिए प्रेरित नहीं करते हैं। पाकिस्तान के अन्य धार्मिक संगठनों की तुलना में हम किसी भी हिंसा में भाग नहीं लेते हैं। मानव को सदैव एक दूसरे का एवं उनके धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
२. नूपुर शर्मा के वक्तव्य को लेकर महमूद कादरी ने कहा कि कोई भी मुसलमान पैगंबर का अपमान कभी सहन नहीं करेगा। कन्हैयालाल के प्रकरण में जो हुआ वह सही नहीं था। प्रत्येक मुसलमान इस घटना से दुखी है, चाहे वह कहीं का भी निवासी हो।
३. दावत-ए-इस्लामी के लाहौर स्थित नेता अली अहमद मलिक अटारी ने कहा, “हमारा संगठन पूरी तरह से अहिंसक पद्धति से काम करता है।” हम सदा शांति का संदेश देते हैं।
संपादकीय भूमिकापहले ही यह उजागर हो चुका है, कि इसी संगठन का एक विद्यार्थी फ्रांस में पत्रिका ‘चार्ली हेब्दो’ के कार्यालय पर हुए आक्रमण में सम्मिलित था। इस दावे पर कौन विश्वास करेगा ? जब यह स्पष्ट हो चुका है कि कन्हैयालाल के दोनों हत्यारे कुछ दिनों के प्रशिक्षण के लिए कराची में इसी संगठन के मुख्यालय में गए थे ? |