कतर, कुवैत, इरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और सऊदी अरब इन देशों के साथ इस्लामी देशों के संगठन का विरोध 

नूपुर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैगंबर पर किए कथित अपमानकारक टिप्पणी का प्रकरण

भारत ने पाक और इस्लामी देशों के संगठन को लगाई फटकार !

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची औरभाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा

नई दिल्ली – मोहम्मद पैगंबर का कथित अपमान करनेवाला विधान करने से भाजपा ने प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से ६ वर्षों के लिए निष्कासित किया है । इसके पहले कतर, कुवैत, इरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सऊदी अरब इन देशों ने भारत के राजदूतों को बुलाकर जवाब मांगा है । साथ ही इस्लामी देशों के संगठन ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ओपरेशन’ न  भी इस प्रकरण में भारत पर टिप्पणी की । जिसका भारत ने उत्तर दिया है । दूसरी ओर सऊदी अरब ने शर्मा को निष्कासित किए जाने पर समाधान व्यक्त किया है ।

१. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘ओ.आई.सी. संगठन द्वारा भारत के विरोध में किए विधान गलत और संकीर्ण हैं । भारत सरकार सभी धर्म के लोगों का सम्मान करती है । कुछ लोगों ने आपत्तिजनक विधान और ट्वीट किए थे । यह भारत सरकार का मत नहीं है । आरोपियों के विरोध में कठोर कार्यवाही की जाएगी ।’

२. पाकिस्तान के विधान पर भी भारत ने प्रत्युत्तर देते हुए कहा, ‘अल्पसंख्यकों के अधिकारों का नियमित हनन करने वालों के विधानों का किसी पर भी परिणाम नहीं होता है । ऐसे देश को दूसरे देश में अल्पसंख्यकों पर होने वाली गलत बातों के विषय में बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है । पाक में हिन्दू, सिख, ईसाई, अहमदी आदि पर अत्याचार हो रहे हैं, विश्व इसका साक्षीदार है । भारत सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है । इसके विपरीत पाक कट्टरवादियों की प्रशंसा करता है, स्मारक बनाता है । पाक को भारत में घृणा फैलाने की बजाय स्वयं के देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करने पर ध्यान देना चाहिए ।’

संपादकीय भूमिका

  • इस्लामी देश उनकी धार्मिक श्रद्धा के विषय में जागृत रहकर विरोध करते हैं, जबकि भारत इस्लामी देशों में हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों के विषय में निष्क्रिय रहता है !
  • विश्व के इस्लामी देश भारत पर टिप्पणी करने का अवसर ढूंढते रहते हैं । यह ध्यान में लेकर भारत को आक्रामक रुख अपनाकर इन देशों में मानवाधिकारों के होनेवाले हनन के विषय में सूत्र रखने चाहिए। साथ ही आक्रामक विदेश नीति का प्रयोग कर उन्हें उनकी जगह दिखानी चाहिए, ऐसा ही राष्ट्रप्रेमियों को लगता है !
  • इस्लामी देश कभी चीन में उघूर मुसलमानों पर होनेवाले अत्याचारों के विषय में एक शब्द भी नहीं निकालते, यह ध्यान में लें !