वजूखाने की गहराई में स्वयंभू शिवलिंग होने से उसकी पूजा करने की अनुमति दें ! – काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंतों की मांग

दाईं ओर विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी हैं

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण में वजूखाने में (नमाज के पहले हाथ-पांव धोने का स्थान) शिवलिंग मिलने के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने ‘वजूखाने की गहराई में शिवलिंग है’, ऐसा दावा किया है, साथ ही उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नंदी के सामने का दरवाजा खोलकर बाबा श्री विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ऐसी मांग भी की है ।

डॉ. कुलपति तिवारी ने उनके दावे का समर्थन करने के लिए कुछ पुराने छायाचित्र भी प्रसारित किए । उन्होंने कहा कि वजूखाने की गहराई में उपस्थित बाबा पर किसी का भी दावा नहीं है । मेरे पास गहराई में शिवलिंग होने के साक्ष्य भी हैं, जो मैं न्यायालय में प्रस्तुत करनेवाला हूं । साक्ष्य मिले, इसीलिए श्री विश्वेश्वर बाबा की पूजा करना आवश्यक है । जिस शिवलिंग को फव्वारा बताया जा रहा है, वह पहली मंजिल पर है । मेरी, तलघर में उपस्थित बाबा विश्वेश्वर की पूजा करने की अनुमति की मांग है ।