(कहते हैं) ‘पगडी एवं टीका लगाने की अनुमति है, तो फिर हिजाब से क्या समस्या है ?’ – पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई.एस. कुरैशी

पगडी पहनना सिख धर्म का अभिन्न अंग है, जबकि टीका लगाना हिन्दू धर्म का अविभाज्य भाग है, किन्तु हिजाब पहनना इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है, इसलिए इसकी अनुमति नहीं है । ऐसा निर्णय कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पहले ही दिया है ; कुरैशी यह क्यों नहीं मानते ! – संपादक

मुसलमान व्यक्ति समाज या प्रशासन में चाहे कितना भी ऊंचा उठ जाए, वह सदा अपने धर्म की रक्षा करता है और हिन्दू व्यक्ति चाहे ऊंचे पद पर हो या न हो, वह जीवन भर आत्मघाती धर्मनिरपेक्षता रटता रहता है ! – संपादक

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई.एस. कुरैशी

नई देहली – “हिजाब, कुरान का हिस्सा नहीं है, किन्तु उसमे यह कहा गया है कि, आपको ऐसे वस्त्र पहनने चाहिए जो अच्छे दिखें । जब  सिखों को विद्यालय में गणवेश के साथ पगडी एवं अन्य लोगों को  तिलक लगाने की अनुमति है, तो हिजाब की अनुमति देने में क्या समस्या है ? मौलाना बता सकते हैं कि हिजाब आवश्यक है या नहीं । वह उनके अधिकार क्षेत्र में है । इसके विपरीत, यदि मौलाना भारतीय दंड संहिता पर शासन करना आरंभ कर देते हैं, तो क्या यह सही होगा ?” भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई.एस. कुरैशी ने एक दैनिक के साथ एक साक्षात्कार में कहा ।

साक्षात्कार में कुरैशी द्वारा दिए गए कुछ वक्तव्य :

१. (कहते हैं) ‘शिक्षित हिन्दू युवतियां, पढ़े-लिखे मुसलमान युवकों को प्रेम में फंसाकर, उनसे विवाह कर लेती हैं !’

“लव जिहाद मात्र दुष्प्रचार है । इससे, केवल हिन्दू युवतियां को ही हानि होती है । क्योंकि, पढी-लिखी हिन्दू युवतियां, पढे-लिखे मुसलमान युवकों को प्रेम में फंसा कर उनसे विवाह कर लेती हैं । इसलिए, मुसलमान युवतियां को ऐसे युवक नहीं मिलते ।” ( कुरैशी का यह तर्क दामाद ढूंढने जैसा है ! ) लव जिहाद के सैकडों प्रकरणों में मुसलमान युवक, युवा हिन्दू युवतियों को यह झूठ बोलकर फंसाते हैं कि, वे ‘हिन्दू’ हैं और उन्हें इस्लाम धर्म में  परिवर्तित कर उनका यौन शोषण करते हैं ।

२. (कहते हैं) ‘अगले १००० वर्षों तक मुसलमान अपनी जनसंख्या बढाकर एक मुसलमान प्रधानमंत्री नहीं बना सकते !

मुसलमानों में, परिवार नियोजन का प्रमाण कम है, किन्तु इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है । यदि यह कहा जा रहा है कि, मुसलमानों की आबादी बढ रही है, तो यह मिथ्या है । अगले १००० वर्षों में भी मुसलमानों की जनसंख्या में वृद्धि होने पर भी एक मुसलमान प्रधानमंत्री बनना संभव नहीं है । (मुसलमानों की जनसंख्या जब बढ कर ४०% हो जाएगी, तब कश्मीर में हिन्दुओं के साथ जो हुआ, वह पूरे देश में हिन्दुओं के साथ होगा, यह हिन्दुओं को विदित है ; यह तथ्य कुरैशी उजागर नहीं कर रहे हैं ! – संपादक)

३. (कहते हैं) ‘धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं को कट्टर बनाया जा रहा है !’

कुरैशी ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीत कट्टरवाद की जीत है, क्योंकि देश ध्रुवीकरण के दौर में है । पहला ध्रुवीकरण विभाजन के समय, दूसरा बाबरी के समय और तीसरा वर्तमान में है । हिन्दुओं की प्रकृति धर्मनिरपेक्ष है ; किंतु, आज उन्हें कट्टरपंथी बनाया जा रहा है ।” (अब, जबकि हिन्दुओं को पाखंडी धर्मनिरपेक्षता से जगाया जा रहा है, उन्हें वास्तविकता का बोध होने लगा है ; यही बात कट्टरपंथियों और धर्मनिरपेक्षतावादियों को परेशान कर रही है । इसलिए, वे इस तरह के भ्रामक वक्तव्य  दे रहे हैं ! – संपादक)

४. इ.वी.एम. यंत्र में कोई घोटाला नहीं हो सकता !

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन विश्वसनीय है । यदि इसमें गडबडी करने की संभावना होती, तो भाजपा बंगाल में पराजित नहीं होती ।