भारत में निजी वैद्यकीय महाविद्यालयों में जातिवाद और घूसखोरी के कारण होशियार विद्यार्थी शिक्षा के लिए विदेश में जाते हैं !

युक्रेन में आक्रमण में मारे गए विद्यार्थी नवीन शेखरप्पा के पिता का आरोप

स्वतंत्रता से लेकर अभीतक की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए यह लज्जास्पद ! यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र में बदल दी जाएगी ! – संपादक

हावेरी (कर्नाटक) – वैद्यकीय महाविद्यालयों में जातिवाद और घूसखोरी के कारण डॉक्टर बनने के लिए विद्यार्थी युक्रेन जा रहे हैं, ऐसा आरोप युक्रेन में रशिया के हवाई आक्रमण में मारे गए वैद्यकीय शिक्षा ले रहे भारतीय विद्यार्थी नवीन शेखरप्पा के पिता शेखरप्पा ज्ञानगौडा ने किया ।

शेखरप्पा ज्ञानगौडा ने कहा कि, निजी महाविद्यालयों में वैद्यकीय शिक्षा पाने के लिए करोडो रुपए खर्च करने पडते हैं । इस कारण ही वैद्यकीय शिक्षा लेना देश में कठिन हो गया है । मैं राजकीय प्रणाली, शिक्षा व्यवस्था और जातिवाद के कारण दु:खी हूं; कारण सभी कुछ निजी संस्थाओं के नियंत्रण में है । मेरे लडके को १० वीं में ९६ प्रतिशत, १२ वीं में ९७ प्रतिशत अंक मिले थे । इसलिए उसने डॉक्टर बनने का स्वप्न देखा था ।

शिक्षाप्रणाली और जातिवाद के कारण उसे वैद्यकीय शिक्षा पाने के लिए वैद्यकीय महाविद्यालयों में जगह नहीं मिली । वह होशियार विद्यार्थी था । महाविद्यालयों में वैद्यकीय जगह पाने के लिए १-२ करोड रुपए घूस देनी पडती है । (सभी सरकारों के लिए इससे बडी लज्जास्पद बात दूसरी कौन सी होगी ? सरकार इस मामले की जांच कर संबंधितों पर कार्यवाही करेगी क्या ? – संपादक) युक्रेन में कुछ लाख रुपयों में वैद्यकीय शिक्षा मिलती होगी, तो भारत में करोडों रुपए खर्च क्यों करे ? युक्रेन में अच्छी शिक्षा मिलती है और भारत की तुलना में वहां के उपकरण भी अच्छे हैं ।

खारकीव में फंसे भारतीय विद्यार्थियों से भारतीय दूतावास ने संपर्क नहीं किया ! – शेखरप्पा ज्ञानगौडा का दावा

भारतीय दूतावास के किसी भी व्यक्ति ने खारकीव में फंसे भारतीय विद्यार्थियों से संपर्क नहीं किया, ऐसा दावा शेखरप्पा ज्ञानगौडा ने किया । खारकीव में सहस्रों भारतीय विद्यार्थी फंसे हैं और वे छावनियों में रह रहे हैं ।