भारतीय पंचांग में एक वर्ष पूर्व की गई थी भविष्यवाणी !

  • शिया और युक्रेन का युद्ध

  • मकर राशि में शनि के प्रवेश के कारण होती है उथल पुथल !

भारतीय ज्योतिषशास्त्र कितना महान है, यह पुन: एक बार स्पष्ट हुआ है । इसका आधार लेकर भारतीय शासनकर्ताओं ने राज्य कामकाज किया, तो भारत अनेक समस्याओं का सामना करने के लिए पहले ही तैयार हो सकता है ! – संपादक

नई दिल्ली – रशिया और युक्रेन के बीच चालू हुए युद्ध की भविष्यवाणी भारतीय पंचांग द्वारा एक वर्ष पूर्व ही की गई थी । ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्र ने इस युद्ध के पीछे ‘अंगारक योग’ होने का कहा है । उन्होंने कहा कि, इस समय विक्रम संवत २०७८ के अंतर्गत ‘आनंद’ नाम का संवत्सर चालू है । इस संवत्सर का प्रारंभ मंगलवार को हुआ था । इस संवत्सर का राजा और मंत्री मंगल ग्रह है । मंगल को ज्योतिषशास्त्र में ‘युद्धकारक ग्रह’ माना जाता है । वर्तमान में शनि ग्रह मकर राशि में है । २६ फरवरी को इसमें मंगल ने भी प्रवेश किया है । इन दोनो की संधि हुई है । इससे ‘अंगारक योग’ निर्माण हुआ है । यह योग ७ अप्रैल तक रहेगा । इस कारण युद्ध, भूकंप तथा सीमा पर तनाव की स्थिति निर्माण होती है या बढती है । अराजकता सहित, हिंसा, रक्तपात तथा प्राकृतिक संकटों में बढत होती है । पंचांग में इसी ‘अंगारक योग’ पर कहा था कि, युरोप में युद्ध की स्थिति निर्माण होगी ।

ज्योतिषाचार्य मिश्र ने आगे कहा कि, ग्रह जब स्थान बदलते हैं, तब उनका प्रभाव २-३ दिन पहले ही दिखने लगता है । २६ फरवरी को मंगल के मकर राशि में प्रवेश करने के पहले ही अर्थात २३ फरवरी की रात रशिया और युक्रेन के बीच युद्ध प्रारंभ हुआ ।

भारत ‘विश्व शक्ति’ के रुप में उभरेगा !

ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्र ने बताया कि, पंचांगानुसार ग्रहों की स्थिति के कारण आने वाला समय तनावपूर्ण हुआ, तो भी भारत की स्थिति मजबूत होगी । ग्रहों की स्थिति भारत की ओर से है । इस कारण भारत एक ‘विश्व शक्ति’ के रुप में उभरते हुए दिखाई देगा । मकर राशि का शनि ग्रह हमेशा ही कष्टदायक होता है । भारत के संबंध में यह कष्टदायक ही रहता है । विश्व स्तर पर इस कारण युद्ध, अराजकता सहित महंगाई बढती है । ऐसी स्थिति वर्ष १९६२ और वर्ष १९९२-९३ में निर्माण हुई थी । वर्ष २०२० में शनि ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करते समय भारत और चीन के बीच संघर्ष हुआ था ।