कर्णावती (गुजरात) में वर्ष २००८ में घटित शृंखलाबद्ध बमविस्फोटों का प्रकरण
बमविस्फोट जैसी गंभीर घटनाओं के प्रकरण में १४ वर्ष उपरांत न्यायालय का निर्णय आना, इसे न्याय नहीं, अपितु अन्याय ही कहना पडेगा ! इस व्यवस्था के कारण ही जिहादी आतंकी और अपराधियों को बल मिलता है, यह बात सरकार के कब ध्यान में आएगी ? – संपादक
कर्णावती (गुजरात) – यहां २६ जुलाई २००८ को १ घंटे की अवधि में २१ शृंखलाबद्ध बमविस्फोटों के प्रकरण में यहां के सत्र न्यायालय ने ४९ दोषियों में से ३८ लोगों को फांसी का, तो अन्य ११ लोगों को आजीवन कारावास का दंड सुनाया । इसके साथ ही न्यायालय ने इस बमविस्फोटों में मारे गए लोगों के परिजनों को १ लाख रुपए, तो गंभीररूप से घायल लोगों को ५० सहस्र रुपए, तो सामान्यरूप से घायल लोगों को २५ सहस्र रुपए सहायता राशि देने का आदेश दिया है । विशेष न्यायालय ने ८ फरवरी को दोषियों के दंड पर तर्कवाद पूर्ण होने के उपरांत निर्णय रोक रखा था । उस समय न्यायालय ने ७७ आरोपियों में से २८ आरोपियों को छोड दिया था । इन विस्फोटों में सम्मिलित लापता अन्य ८ आरोपियों की खोज अब भी चल रही है । इस बमविस्फोटों का सूत्रधार यासीन भटकळ देहली के कारागार में, तो अब्दुल सुभान उपाख्य तौकीर कोचीन के कारागार में बंद है । इन शृंखलाबद्ध बमविस्फोटों में ५६ लोग मारे गए थे, तो २०० लोग घायल हुए थे । इस घटना के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे ।
38 sentenced to death, 11 get life imprisonment in 2008 Ahmedabad serial bomb blast case
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— ANI Digital (@ani_digital) February 18, 2022
१. पुलिस विभाग को बमविस्फोटों के १९ दिन उपरांत ३० आतंकियों को पकडने में सफलता मिली थी । उसके उपरांत शेष आतंकियों को देश के विविध शहरों में पकडा गया । कर्णावती बमविस्फोटों से पूर्व जिहादी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के इसी आतंकियों ने जयपुर और वाराणसी में भी विस्फोट कराए थे । कर्णावती विस्फोटों के दूसरे दिन अर्थात २७ जुलाई २००८ में सूरत में भी शृंखलाबद्ध बमविस्फोट करवाने का प्रयास था ।
२. शृंखलाबद्ध बमविस्फोटों के उपरांत सूरत पुलिस विभाग ने २८ जुलाई से ३१ जुलाई २००८ की अवधि में शहर के विविध भागों से २९ बम जब्त किए थे । उनमें से १७ बम वराछा क्षेत्र में और अन्य बम कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा क्षेत्र में मिले । अन्वेषण से यह बात सामने आई थी कि अनुचित सर्किट और डिटोनेटर्स के कारण इन बमों का विस्फोट नहीं हो सका ।
Court convicts 49 Indian Mujahideen terrorists for 2008 Ahmedabad bomb blasts https://t.co/ZZs4a15CXw
— HinduPost (@hindupost) February 15, 2022
गोधरा दंगे के प्रतिशोध के रूप में इंडियन मुजाहिदीन के द्वारा बमविस्फोट !
पिछले वर्ष सितंबर में ७७ आरोपियों के विरुद्ध अभियोग की कार्यवाही पूर्ण की गई थी । कुल ७८ आरोपियों में से एक सरकारी साक्षी बन गया था । पुलिस ने बताया कि ये आरोपी इंडियन मुजाहिदीन इस आतंकी संगठन से संबंधित थे । वर्ष २००२ में गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए इंडियन मुजाहिदीन के आरोपियों ने बमविस्फोट कराने का षड्यंत्र रचा था, यह आरोप लगाया गया था ।