२२ वें विधि आयोग का पिछले ३ वर्षों से अध्यक्ष ही नहीं !
यदि विधि आयोग का अध्यक्ष नहीं होगा, तो इस कानून का अध्ययन कब होगा और उस पर सिफारिश कब की जाएगी ? इस कारण केंद्र सरकार को सबसे पहले आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति करनी चाहिए ! – संपादक
नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने समान नागरिकता कानून के विषय में योग्य सिफारिश के लिए २२ वें विधि आयोग के पास भेजा है, ऐसी जानकारी केंद्रीय कानूनमंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे के पूछे प्रश्न का उत्तर दिया । २२ वें विधि आयोग का कार्यकाल समाप्त हुए ३ वर्ष पूरे हो गए हैं । पिछले ३ वर्षों से इस आयोग को नया अध्यक्ष नहीं मिला है । इस कारण सरकार ने आयोग के पास समान नागरिकता कानून भेजा है, तो भी इस पर अध्ययन कब होगा ?, यह प्रश्न आता है ।
विधि आयोग करेगा समान नागरिक कानून पर विचार, कानून मंत्री रिजिजू ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को दिया जवाब@prashantjourno की रिपोर्ट #UniformCivilCode #KirenRijiju #India https://t.co/lMc3lYH8os
— ABP News (@ABPNews) February 4, 2022
किरेन रिजिजू ने कहा कि, संविधान की धारा ४४ के अनुसार संपूर्ण भारत में समान नागरिकता कानून लागू करने का प्रावधान है । इस कानून का महत्व और संवेदनशीलता को देखते हुए इसके संबंध में गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है ।
२१ वें विधि आयोग ने समान नागरिकता कानून को नकार दिया था !
जून २०१६ में पहली बार समान नागरिक कानून २१ वें विधि आयोग के पास भेजा गया था । इस पर आयोग ने १८५ पृष्ठों की सिफारिश रिपोर्ट प्रस्तुत की थी । इसमें लैंगिक न्याय और समानता लाने के लिए विविध पारिवारिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने की सूचना दी थी, साथ ही ७५ सहस्र सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद आयोग ने कहा था कि, इस स्तर पर समान नागरिकता कानून आवश्यक नहीं और योग्य भी नहीं । विविध समूहों से चर्चा करने के बाद समान नागरिकता कानून पर सहमति नहीं बन सकी ।