न्यायालय के सामने उपस्थित होने के लिए १० दिनों का समय
नई दिल्ली – सिंधुदुर्ग जिला बैंक के अध्यक्ष सतीश सावंत के प्रचारप्रमुख और शिवसैनिक संतोष परब पर हुए आक्रमण के मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे की हिरासत पूर्व जमानत की अरजी उच्चतम न्यायालय ने नकारते हुए उन्हें जिला न्यायालय में उपस्थित होने के लिए १० दिनों का समय दिया है । उपस्थित होने पर राणे नियमित जमानत के लिए अरजी दे सकते हैं ।
‘Surrender and seek bail’: Nitesh Rane gets 10-day arrest shield from SC https://t.co/xS6cz4yIUU
— Hindustan Times (@HindustanTimes) January 27, 2022
इससे पहले सिंधुदुर्ग जिला न्यायालय ने नितेश राणे की हिरासत पूर्व जमानत की अरजी नकारने के बाद उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय में अरजी लगाई थी । उच्च न्यायालय ने भी उनकी अरजी नकार दी । इसके बाद उच्चतम न्यायालय में जाने पर भी वहां उनकी अरजी नकार दी है ।
क्या है मामला ?
सिंधुदुर्ग जिला बैंक के अध्यक्ष सतीश सावंत के प्रचारप्रमुख और शिवसैनिक संतोष परब पर १८ दिसंबर के दिन कणकवली में आक्रमण किया गया । संतोष परब पर जानलेवा आक्रमण करने वाला मुख्य आरोपी सचिन सातपुते को सिंधुदुर्ग पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में लिया । जांच के समय उसने नीतेश राणे का नाम लिया था । इस मामले में नीतेश राणे की कणकवली पुलिस की ओर से जांच की गई ।
क्या है मार खाए संतोष परब का आरोप ?
संतोष परब ने आरोप करते हुए कहा कि, दोपहिया वाहन पर रहते मुझे जोर से एक गाडी ने टक्कर मारते हुए आक्रमण किया । यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि, इस कारण मैं रास्ते के किनारे घिसटते हुए गया । मेरे हाथ में जखम भी हुआ है । घिसटने के बाद मैं एक ओर गिरा था और मेरा दोपहिया वाहन मेरे पैरों पर गिरा हुआ था । टक्कर मारने वाला ‘इनोवा’ चांदी के रंग का था । जो २० से २५ फुट आगे जाकर रुका । उसमें से एक व्यक्ति मेरे समीप आया और उसने ‘गोट्या सावंत, नीतेश राणे इनको बताना चाहिए’, ऐसा कहते हुए मेरे जेब से मोबाइल निकाला ।