|
नई दिल्ली – दिसंबर २०२१ में हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर यति नरसिंहानंद, जितेंद्र त्यागी आदि को हिरासत में लिया गया है । इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने ध्यान दिया था । इस पृष्ठभूमि पर अब हिन्दू सेना ने उच्चतम न्यायालय में अरजी कर ‘यदि धर्मसंसद मामले में हिन्दुओं पर कार्यवाही होती है, तो द्वेषपूर्ण भाषण करने वाले मुसलमान नेताओं पर भी कार्यवाही कर उनको हिरासत में लेना चाहिए’, ऐसी मांग की है । इसके साथ हिन्दू सेना को इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग भी इस अरजी में की गई है । हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा की इस अरजी में ‘सासंद असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना (इस्लाम के विद्वान) तौकीर रजा, साजिद रशीदी, ‘आप’ के विधायक अमानतुल्ला खान, एम.आई.एम. के नेता वारिस पठाण आदि के विरोध में द्वेषपूर्ण भाषण करने पर गुनाह प्रविष्ट करने का आदेश न्यायालय को राज्य सरकार को देना चाहिए’, ऐसा कहा है ।
Hindu Sena leader files intervention petition in Haridwar Dharma Sansad case, seeks action against Owaisi and others for 'hate speech' https://t.co/MYKDxWY1Zz
— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 23, 2022
इस याचिका में आगे कहा है कि,
१. हिन्दुओं के आध्यात्मिक नेताओं ने धर्मसंसद आयोजित करना, यह अन्य किसी भी धर्म अथवा श्रृद्धा के विरोध में है, ऐसा माना नहीं जा सकता । इस कारण इसका विरोध न किया जाए । धर्मगुरुओं के विधान यह हिन्दू संस्कृति और सभ्यतापर अहिन्दू समुदाय के सदस्यों ने किए आक्रमणों को प्रत्युत्तर के रुप में थी और ऐसे उत्तर द्वेषपूर्ण भाषणों की कक्षा में नहीं आते । जब तक जांच अधिकारी की ओर से विस्तार से जांच नहीं की जाती तब तक याचिकाकर्ता ने आरोप किए गए द्वेषयुक्त भाषण की खोज नहीं कर पाएंगे । प्रत्येक विधान को द्वेषयुक्त भाषण नहीं मान सकते । भारतीय संविधान ने सभी धर्मों के अनुयायियों को समान संरक्षण दिया है ।
२. इस देश के प्रत्येक नागरिक को विवेक, आचरण और धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता है । हिन्दुओं की धर्म संसद का आयोजन भारतीय संविधान द्वारा संरक्षित है । इस कारण याचिकाकर्ता की आपत्ति संविधान की योजना के विरोध में और हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों पर अतिक्रमण करने वाली है ।