एर्नाकुलम् (केरल) में बाहर से आने वाले मजदूरों का पुलिस पर आक्रमण

  • १५ पुलिस घायल

  • पुलिस की ३ गाडियों की तोडफोड

पुलिस पर आक्रमण होते हैं और वे मार खाते हैं, तो सामान्य जनता की रक्षा कौन करेगा ?– संपादक

कोच्ची (केरल) – एर्नाकुलम् जिले के किझक्कंबलम् में ‘किटेक्स’ कंपनी के मजदूरों के निवास के परिसर में क्रिसमस मनाए जाते समय नागालैंड और मणीपुर के नशे में धुत मजदूरों ने पुलिस पर आक्रमण कर हिंसा की । इसमें पुलिस की १ जीप जला दी गई, तो २ गाडियों की तोडफोड की गई । इसमें एक मंडल निरीक्षक सहित १५ पुलिसवाले घायल हो गए । उनमें से कुछ लोगों की सर्जरी भी करनी पडी; लेकिन अभी उनकी स्थिति स्थिर है । ‘इस घटना में शामिल सभी लोगों को पहचानने के लिए पुलिस सबूत एकत्रित करने के लिए जांच चालू है’, ऐसा पुलिस अधीक्षक के. कार्तिक ने पत्रकारों को बताया । किटेक्स कंपनी में काम करने वाले और उनके लिए बनाए गए निवास स्थान पर रहने वाले लगभग १५० मजदूरों को पुलिस ने इस घटना के संबंध में हिरासत में लिया है । पुलिस ने इन मजदूरों के पास से नशीले पदार्थ जप्त किए हैं ।

१. इस हिंसा की शुरूवात मजदूरों के समूह में हुए विवाद से हुई । उन्होंने विवाद के बाद यहां के स्थानीय लोगों के घरपर पत्थरबाजी चालू की । इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची, तो मजदूरों ने उनके ऊपर भी पत्थर और लाठियों से आक्रमण किया ।

२. किटेक्स के अध्यक्ष जैकब ने बताया कि, यहां के कुछ समूह इन मजदूरों को नशीले पदार्थ देते हैं । यह नशा कर ये मजदूर माहौल खराब करते हैं । (यदि यहां के स्थानीय समूह नशीले पदार्थ देते हैं, यह जैकब को पता है, तो पुलिस को भी यह पता होगा, फिर भी पुलिस उनपर कार्यवाही नहीं करती है, इसका अर्थ दोनों में साठ-गांठ है, यह स्पष्ट होता है ! – संपादक)