महाराष्ट्र विधानसभा में हिन्दूहित की चर्चा कब होंगी ? – ह.भ.प. मारुति महाराज तुनतुने शास्त्री, अध्यक्ष, राष्ट्रीय वारकरी परिषद

राष्ट्रीय वारकरी परिषद के अध्यक्ष ह.भ.प. मारुति महाराज तुनतुने शास्त्री

पंढरपुर – राष्ट्रीय वारकरी परिषद के अध्यक्ष ह.भ.प. मारुति महाराज तुनतुने शास्त्री ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से यह प्रश्न किया है कि महाराष्ट्र भले ही संतों की भूमि हो; परंतु राज्य की विधानसभा में हिन्दूविरोधी वक्तव्य और कृत्य होते हुए दिखाई देते हैं । राष्ट्रवादी कांग्रेस के मंत्री नवाब मलिक और छगन भुजबळ सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं; परंतु महाराष्ट्र में हो रही गोहत्याएं, साधुहत्याएं, हिन्दुत्वनिष्ठ श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के धारकरी से मारपी, मंदिर की अपेक्षा मदिरा को प्रधानता, उर्दू भाषा का महिमामंडन, लव जिहाद, दंगें, ब्राह्मणविरोध जैसी घटनाओं के विषय में यह मंत्रीमंडल कुछ भी नहीं बालता । इसलिए विधानसभा में हिन्दूहित की चर्चा कब होंगी ? जिहाद, दंगल, ब्राह्मणविरोध के विषय में मंत्रीमंडल कूछ भी बोलते नहीं । इसकारण विधानसभा में हिन्दू हित की बातों की चर्चा कब होगी । एेसा प्रश्न राष्ट्रीय वारकरी परिषद के अध्यक्ष ह.भ.प. मारुति महाराज तुनतुने शास्त्री ने प्रसिद्धीपत्रक द्वारा उपस्थित किया ।

इस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि

१. पिछली बार संपन्न अधिवेशन पितृपक्ष में था । स्वर्गीय शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे ने अपना संपूर्ण जीवन हिन्दुत्व के लिए दिया था; इसके कारण पितृपक्ष का वह अधिवेशन हिन्दूहितकारी होगा, यह अपेक्षा थी; परंतु वह व्यर्थ हुई ।

२. आदरणीय उद्धव ठाकरेजी, आपके मुख्यमंत्रीपद पर विराजमान होने के उपरांत हम वारकरियों की अपेक्षाएं बहुत बढ गई थीं ।

३. जब अंधविश्वास निर्मूलन विधेयक का कानून में रूपांतरण करना है अथवा नहीं, इस पर जब चर्चा चल रही थी, तब हम वारकरियों का शिष्टमंडल मातोश्री पर आपसे मिलने आया था, तब हमें आपके संयमी और विनम्र स्वभाव की हमें प्रतीति हुई थी ।

४. दूसरी ओर नास्तिकतावादी और हिन्दूद्वेषी मंत्री आपके कंधे पर बंदूक रखकर हिन्दूविरोधी वक्तव्य दे रहे हैं । यह चित्र स्वर्गीय बाळासाहेबजी के विचारों से दूर जानेवाला सिद्ध हो रहा है और उसका दोष आप पर लग रहा है ।

५. स्वर्गीय बाळासाहेबजी के विचार आप को और हिन्दुओं को भी बल देनेवाले सिद्ध होंगे । अतः आप मंत्रीमंडल में हिन्दूहितों के विचारों को बढावा दें, यह हम वारकरी आपसे अपेक्षा करते हैं और उसके लिए श्री पांडुरंग से मनौती मांगते हैं ।