रायसेन (मध्य प्रदेश) के ‘ईसाई मिशनरी कन्या छात्रावास’ में आदिवासी युवतियों को अन्यों का धर्मांतरण करने का दिया जा रहा था प्रशिक्षण ।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने आकस्मिक निरीक्षण कर किया उजागर  !

  • अब इसका भी शोध करना चाहिए कि, ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित देश के अन्य छात्रावासों में क्या चल रहा है – संपादक
  • धर्मनिरपेक्षतावादी इस घटना के विषय में क्यों नहीं बोलते, अथवा क्या ईसाइयों द्वारा हिन्दुओं के हो रहे धर्मांतरण को उनकी मूक सहमति है ? – संपादक
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो

रायसेन (मध्यप्रदेश) – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने यहां के ‘ख्रिश्चन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टेल (ईसाई मिशनरी कन्या छात्रावास)’ में चल रहा धर्म परिवर्तन का प्रयास उजागर किया है । जब कानूनगो ने छात्रावास में आकस्मिक निरीक्षण किया, तब उन्होंने देखा, कि आदिवासी हिन्दू युवतियों को यहां लाया जा रहा है । कानूनगो ने यह भी देखा, कि इन युवतियों को ईसाई धार्मिक पुस्तकें देकर, ईसाई धर्म की ओर आकर्षित किया जा रहा है । इसके पश्चात उन्होंने कहा कि, ‘हिन्दुओं का धर्मांतरण करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।’

कानूनगो ने आगे कहा कि, ‘यहां इन युवतियों को विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से दूसरों का धर्मांतरण करने के लिए सिद्ध किया जा रहा था । ये युवतियां, यहां के एक सरकारी पाठशाला में शिक्षा ले रही हैं । इसकी जांच होने की आवश्यकता है एवं वह हम कर रहे हैं ।’