मद्रास उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय से क्षमा याचना की !

उच्चतम न्यायालय के निर्देश देने के उपरांत भी एक याचिका को ६ वर्षों तक निलंबित रखने का प्रकरण !

देशभर के न्यायालयों में ३ करोड से अधिक प्रकरण निलंबित हैं, इन्हें निपटाने का प्रयत्न कब होगा ? – संपादक

उच्चतम न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय

चेन्नई (तमिलनाडु)- मद्रास उच्च न्यायालय ने एक प्रकरण में उच्चतम न्यायालय से क्षमा याचना की है । मद्रास उच्च न्यायालय ने एक वित्तीय अपराध के प्रकरण में, एक महिला अभियुक्त से ३ करोड रुपये की फिरौती मांगने के लिए एक पुलिस अधिकारी के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई के लिए छह वर्ष का समय लेने के लिए क्षमा मांगी है । २०१५ में उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए निर्देश दिया था, किन्तु मद्रास उच्च न्यायालय ने उसकी सुनवाई के लिए ६ वर्षों की अवधि ली ।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी.वी. कार्तिकेयन ने याचिका को निरस्त करते हुए ने कहा, कि उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय की आशा और विश्वास के अनुरूप कार्य नहीं किया ।