त्रिपुरा में मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने ही प्रविष्ट की थी !

हिंसा का षड्यंत्र रोकने के लिए, राज्य सरकार के पास उपलब्ध योजना प्रस्तुत करने का आदेश !

  • किसी के साथ हुए अन्याय पर ध्यान देना, कोर्ट के लिए अच्छा है । इसके साथ ही, न्यायालय संपूर्ण भारत में धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर किए जा रहे अत्याचारों, लव जिहाद आदि को भी संज्ञान में लेकर हिन्दुओं को न्याय दिलाएं, ऐसी हिन्दुओं की अपेक्षा है !-संपादक
  • बांग्लादेश में जब हिन्दुओं पर बहुत अधिक अत्याचार हुए थे, तब वहां के न्यायालय ने उसे इस प्रकार स्वयं प्रविष्ट नहीं किया ; यह भी ध्यान रखें !-संपादक

अगरतला (त्रिपुरा) – त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने, त्रिपुरा राज्य में अल्पसंख्यकों के संदर्भ में गत कुछ दिनों में हुई हिंसा का संज्ञान लिया है तथा राज्य सरकार से इसका ब्योरा (रिपोर्ट) मांगा है । न्यायालय ने उन्हें १० नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है । उसी प्रकार, ‘राज्य में धार्मिक हिंसा भडकाने का षड्यंत्र असफल करने की राज्य सरकार की क्या योजना है ?’, इस संबंध में जानकारी देने के लिए भी न्यायालय ने कहा है । बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए आक्रमण की पृष्ठभूमि पर, त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन के समय हिंसा हुई । इसमें अल्पसंख्यक मुसलमानों को लक्ष्य बनाया गया ।