भारतीय फिल्म महासंघ ने ‘सरदार उधम’ नामक चलचित्र को ऑस्कर नामांकन से इस आधार पर हटा दिया, कि उसमें अंग्रेजों के प्रति द्वेष दिखाया गया है ।

कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की !

ऐसा निर्णय लेनेवाली फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय संस्था है या इंग्लैंड की है ?- संपादक

मुंबई – फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफ.एफ.आई.) ने हिंदी फिल्म ‘सरदार उधम’ को ऑस्कर के नामांकन से बाहर कर दिया है । ऑस्कर को चलचित्र के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है । इसका जो कारण बताया गया है उसके अनुसार, चलचित्र में अंग्रेजों के प्रति द्वेष दिखाया गया है । चलचित्र ‘सरदार उधम’ को ओ.टी.टी. (‘ओवर द टॉप’) पर प्रदर्शित किया गया है । यह चलचित्र क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह के जीवन पर आधारित है ।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने भाजपा सरकार की आलोचना की है । लोंढे ने कहा,

१. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के परीक्षकों की यह कृति १३० करोड भारतीयों का अपमान है । इन परीक्षकों ने अंग्रेजों के प्रति पक्षपात किया है और उधम सिंह की देशभक्ति और उनके सर्वोच्च बलिदान का अपमान किया है ।

२. परीक्षकों द्वारा यह नहीं कहा गया है, कि चलचित्र उत्पादन मूल्य या गुणवत्ता के आधार पर निम्नस्तर का है, अपितु, केवल ‘अंग्रेजों से द्वेष’, यह कारण दिया गया है । अन्यायपूर्ण ब्रिटिश शासन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड रहे क्रांतिकारियों को भीषण यातनाएं दी व सताया । इस मुद्दे पर बीजेपी की केंद्र सरकार चुप क्यों है ? देशभक्ति का गुणगान करने वाली बीजेपी की इस प्रकरण पर चुप्पी हृदय को आंदोलित करती है एवं आश्चर्यजनक है ।

३. हंसते-हंसते स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व बलिदान करने वालों में से सरदार उधम सिंह एक हैं । यह बहुत ही निंदनीय है, कि इस चलचित्र में प्रदर्शित देशभक्ति को जागृत करने के प्रसंगों को, अंग्रेजों के अपमान का कारण माना जा रहा है ।