देश में नक्सलवाद की समस्या एक वर्ष में हल हो सकती थी, तो इसके पहले इसे हल करना आवश्यक था, ऐसा जनता को लगेगा !- संपादक
नई दिल्ली – नक्सलवादियों के विरोध में लडाई अब अंतिम स्तर पर पहुंची है और उसे जल्द ही और निर्णायक बनाने की आवश्यकता है । नक्सलवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या एक वर्ष में घट कर २०० पर आई है । अगले एक वर्ष में नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या हल करनी चाहिए, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बताया । इसके लिए कुछ सूत्र प्रस्तुत किए । इसमें नक्सलवादियों को पैसों की आपूर्ति रोकने के लिए उन्होंने संयुक्त रणनीति बनाने को कहा । इस बैठक में १० नक्सलग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यमंत्री और उच्चपदस्थ अधिकारी उपस्थित थे । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव उपस्थित थे । बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाय.एस. जगन मोहन रेड्डी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन् इस बैठक में उपस्थित नहीं हुए; परंतु इन ४ राज्यों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिकारियों ने किया ।
शाह ने कहा कि, एक वर्ष में इसके लिए दबाव निर्माण करना, गति बढाना और उत्तम सामंजस्य करना आवश्यक है । नक्सलवादियों की आय का स्रोत बंद करना अत्यंत महत्वपूर्ण है । केंद्र और राज्य सरकार के तंत्र ने इकठ्ठा आकर इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए । यदि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महासंचालक इनके स्तर पर नियमित ब्यौरा लिया, तो निचले स्तर पर सामंजस्य की समस्या का हल अपने आप होगा ।