यह विज्ञान द्वारा की गई कथित प्रगति का परिणाम है ! क्या तथाकथित वैज्ञानिक इसे गंभीरता से देखेंगे ? – संपादक
नई दिल्ली – यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी पॉलिसी (ई.पी.आई.सी.) द्वारा जारी एक प्रतिवेदन के अनुसार वायु प्रदूषण से लगभग ४० प्रतिशत भारतीयों के जीवनकाल में ९ वर्षों तक की कमी आने की संभावना है।
Air pollution may reduce life expectancy of Indians by nine years, says study https://t.co/D2ZZn5BCoJ
— BBC Asia (@BBCNewsAsia) September 1, 2021
इस विवरण में कहा गया है कि,
१. नई दिल्ली सहित मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में ४८ करोड लोग अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं ।
२. स्विट्जरलैंड में आई.क्यू .ए.आर. नामक संस्था के अनुसार, २०२० में लगातार तीसरे वर्ष विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी नई दिल्ली रही । (यह उन सर्वदलीय शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद है, जो अब तक दिल्ली में सत्ता में रहे हैं ! – संपादक) इस कालखंड में, कोरोना संसर्ग के कारण संचार व्यवस्था पर प्रतिबंध लगाने के फलस्वरूप, नई दिल्ली के २ करोड लोगों ने प्रदूषण रहित निर्मल हवा में सांस ली ।
३. पंजाब और हरियाणा के आस-पास के राज्यों में किसानों द्वारा खरपतवारों को जलाने (खेती की गई फसलों के साथ उगनेवाले अनावश्यक पौधे) से सर्दियों में पुन: दिल्ली के प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई ।