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वाशिंगटन (अमेरिका) – २६ अगस्त को काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा किए गए दो बम विस्फोटों में १०० से अधिक लोग मारे गए हैं । इसमें १३ अमेरिकी सैनिक भी सम्मिलित हैं । इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी सेना को आतंकियों को ढूंढ कर उन्हें मारने का आदेश दिया है । तालिबान ने भी कहा है कि इस विस्फोट में लगभग १५० से अधिक लोग घायल हुए हैं तथा हमारी (अमेरिका के) सेना के २८ व्यक्ति मारे गए हैं ।
राष्ट्रपति बाइडेन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘इस्लामिक स्टेट नहीं जीतेगा’। हम किसी भी परिस्थिति में अमेरिकी नागरिकों एवं अन्य लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालेंगे । हमारा अभियान चालू ही रहेगा । अमेरिका इन डरपोक आक्रमणों से भयभीत नहीं होगी तथा हम आतंकवादियों को ढूंढ निकालेंगे एवं उन्हें नष्ट करेंगे ! दूसरी ओर ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान’ इस जिहादी आतंकवादी संगठन ने इस बम विस्फोट का दायित्व लिया है ।
हवाई अड्डे पर हुए आक्रमण के पीछे इस्लामिक स्टेट, तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क ! – अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का दावा
काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए आक्रमण के संबंध में अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने दावा किया है कि, इस्लामिक स्टेट, तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क की आपस में मिलीभगत है । सालेह ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘हमारे पास उपलब्ध प्रमाणों के अनुसार ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान’ के आतंकवादियों की जडें तालिबान एवं विशेष कर हक्कानी नेटवर्क जुडी हुई हैं।’ तालिबान ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान’ के साथ अपने संबंधों को अस्वीकार कर रहा है; परंतु जिस प्रकार पाकिस्तान तालिबान के ‘क्वेटा शूरा’ इस आतंकवादी संगठन से अपने संबंध को अस्वीकार करता है, उसी प्रकार तालिबान इस्लामिक स्टेट से अपने संबंध अस्वीकार करता है । तालिबान ने स्वयं के मार्गदर्शक (पाकिस्तान) से बहुत कुछ सीखा है ।