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इस्तांबुल (तुर्किस्तान) – अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद लाखों अफगानी नागरिक पलायन करने का प्रयास कर रहे हैं । इस कारण अफगानिस्तान के पडो़सी देश चिंतित हुए हैं । ये अफगानी नागरिक विशेषत: ताजि़किस्तान, उज़बेकिस्तान, ईरान, तुर्किस्तान और पाकिस्तान इन देशों में आश्रय पाने के लिए जा रहे हैं । ये अफगानी नागरिक ईरान मार्ग से तुर्किस्तान जाने का प्रयास कर रहे हैं । इस कारण उन्हें रोकने के लिए तुर्किस्तान ईरान सीमा पर २९५ किलोमीटर लंबी और ३ मीटर उंची दीवार बनाई जा रही है । अब केवल ५ किलोमीटर का काम शेष बचा है । जो निर्वासित कुछ सप्ताह और महीनों पूर्व पलायन करके गए थे, वे अब सीमा क्षेत्र में दिखने लगे हैं ।
Turkey building a 295 km long wall along Iran border to stop refugee influx from Afghanistan: Reports https://t.co/3WD8rqQSEu
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 17, 2021
तुर्किस्तान के अधिकारियों द्वारा दी जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों ने ६९ सहस्र अफगानियों को प्रवेश करने से रोका है और मानव तस्करी करने का आरोप होने वाले ९०४ संदेहास्पद लोगों को हिरासत में लिया है ।
(कहते हैं) ‘तुर्किस्तान निर्वासितों का गोदाम नहीं बनेगा !’ – तुर्किस्तान के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगन
कहां मुसलमान निर्वासितों के विषय में ऐसा कहने वाला तुर्किस्तान, तो कहां करोडों बांगलादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों का ‘गोदाम’ बना भारत ! – संपादक
तुर्किस्तान के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगन ने कहा कि, अफगानिस्तान से तुर्किस्तान में निर्वासितों के झुण्ड आए हैं । तालिबान के कारण भागने वाले अफगानियों का दायित्व स्वीकारने के लिए युरोपीय देशों को आगे आना चाहिए । (स्वयं का दायित्व ईसाई युरोपीय देशों पर डालने वाला तुर्किस्तान ! इससे आने वाले समय में युरोपीय देश मुसलमान बाहुल्य बने, ऐसी उनकी सुप्त इच्छा है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा ! – संपादक) ऐसा न होने पर तुर्किस्तान निर्वासितों का गोदाम नहीं बनेगा, ऐसा वक्तव्य उन्होंने किया ।