अफगानी निर्वासितों को रोकने के लिए इस्लामी देश तुर्किस्तान ने सीमा पर बनाई २९५ किलोमीटर लम्बी दीवार !

  • यह है इस्लामी देशों का ढोंगी मुसलमान प्रेम ! स्वयं के असहाय बंधुओं को सहायता न करने वाले इस्लामी देश अन्य धर्मियों से कैसा व्यवहार करते होंगे, इसका विचार न करना ही अच्छा होगा ! – संपादक

  • सीरिया में ‘इस्लामी स्टेट’ इस आतंकवादी संघठन ने वहां के नागरिकों पर अत्याचार करने के बाद वहां के लाखों लोगों को युरोप के देशों ने आश्रय दिया था; लेकिन इस्लामी देशों ने उनकी ओर से मुंह फेर लिया था । अभी भी एक-दो इस्लामी देश अफगानी नागरिकों की सहायता कर रहे हैं । ऐसों को भारत के काश्मीरी मुसलमानों पर होने वाले कथित अत्याचार के विषय में बोलने का क्या अधिकार ? – संपादक

  • इस्लामी देश अफगानी निर्वासितों को आश्रय देने के विषय में उदासीन होने के कारण  भारत द्वारा सहिष्णुता दिखाने पर उनको सहायता करने की अपेक्षा रखने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी इस्लामी देशों पर टिप्पणी करने से हिचकिचाते हैं, यह ध्यान दें ! – संपादक

इस्तांबुल (तुर्किस्तान) – अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद लाखों अफगानी नागरिक पलायन करने का प्रयास कर रहे हैं । इस कारण अफगानिस्तान के पडो़सी देश चिंतित हुए हैं । ये अफगानी नागरिक विशेषत: ताजि़किस्तान, उज़बेकिस्तान, ईरान, तुर्किस्तान और पाकिस्तान इन देशों में आश्रय पाने के लिए जा रहे हैं । ये अफगानी नागरिक ईरान मार्ग से तुर्किस्तान जाने का प्रयास कर रहे हैं । इस कारण उन्हें रोकने के लिए तुर्किस्तान ईरान सीमा पर २९५ किलोमीटर लंबी और ३ मीटर उंची दीवार बनाई जा रही है । अब केवल ५ किलोमीटर का काम शेष बचा है । जो निर्वासित कुछ सप्ताह और महीनों पूर्व पलायन करके गए थे, वे अब सीमा क्षेत्र में दिखने लगे हैं ।

तुर्किस्तान के अधिकारियों द्वारा दी जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों ने ६९ सहस्र अफगानियों को प्रवेश करने से रोका है और मानव तस्करी करने का आरोप होने वाले ९०४ संदेहास्पद लोगों को हिरासत में लिया है ।

(कहते हैं) ‘तुर्किस्तान निर्वासितों का गोदाम नहीं बनेगा !’ – तुर्किस्तान के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगन

कहां मुसलमान निर्वासितों के विषय में ऐसा कहने वाला तुर्किस्तान, तो कहां करोडों बांगलादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों का ‘गोदाम’ बना भारत ! – संपादक

तुर्किस्तान के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगन ने कहा कि, अफगानिस्तान से तुर्किस्तान में निर्वासितों के झुण्ड आए हैं । तालिबान के कारण भागने वाले अफगानियों का दायित्व स्वीकारने के लिए युरोपीय देशों को आगे आना चाहिए । (स्वयं का दायित्व ईसाई युरोपीय देशों पर डालने वाला तुर्किस्तान ! इससे आने वाले समय में युरोपीय देश मुसलमान बाहुल्य बने, ऐसी उनकी सुप्त इच्छा है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा ! – संपादक) ऐसा न होने पर तुर्किस्तान निर्वासितों का गोदाम नहीं बनेगा, ऐसा वक्तव्य उन्होंने किया ।