कोलकाता में देवी की मूर्ति के लिए २ तोले सोने का मुखावरण !

  • निर्जंतुकीकरण करने की आवश्यक वस्तुएँ देवी के हाथों में दिखाई  ! 

  • कोरोना के संबंध में जन जागरण करने  का दावा 

  • यह घटना दर्शाती है कि हिन्दुओं में धर्म शिक्षा की कितनी कमी है ! चूँकि हिन्दू अज्ञानवश अपने देवी-देवताओं की मूर्तियों महत्व नहीं जानते, इसलिए वे बुद्धि के स्तर पर सोच-विचार कर उनका इस प्रकार मानवीकरण कर  उपहास करते हैं – संपादक
  • जब कोरोना के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए इतने सारे विकल्प उपलब्ध हैं, तब देवताओं का उपयोग क्यों ? धर्मप्रेमी हिन्दुओं को इसका वैध पद्धति से विरोध करना चाहिए ! – संपादक
  • ईसाई या मुसलमान कभी भी अपने श्रद्धास्थानों का इस तरह उपयोग नहीं करते, हिन्दुओं को इनसे सीख लेनी चाहिए ! – संपादक
तृणमूल कांग्रेस विधायक और बंगाली गायिका अदिति मुंशी

कोलकाता (बंगाल) – कोलकाता में देवी की मूर्ति के मुंह पर दो तोले  सोने का मुखावरण लगाया गया है । मूर्ति के हाथों में कीटाणुनाशन (निर्जंतुकीकरण) के लिए आवश्यक वस्तुओं को भी दिखाया गया है। अभी इस मूर्ति का निर्माण हो रहा है। मूर्ति पर मुखावरण व हाथों में थर्मल गन (शारीरिक तापमान लेने का यंत्र) और अन्य वस्तुएं दिखाई  हैं। उनकी सहायता से लोगों को कोरोना काल में  सुरक्षित रहने का संदेश दिया गया है।

१. इसे कोरोना संकट में स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्व के संबंध में जन जागरूकता बढ़ाने का प्रयास बताया जा रहा है ।

२. तृणमूल कांग्रेस विधायक और बंगाली गायिका अदिति मुंशी ने कहा, “सोने के मुखावरण को एक बडे आभूषण के रूप में न देखें।” हम कोई पागल नहीं हैं की २ तोले का मुखावरण ऎसे ही लगाएं । हमने कोरोना काल में लोगों में जागरूकता निर्माण करने के उद्देश्य से  ऐसा किया है।