पिछले ६ वर्षों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के ६८० सैनिकों द्वारा आत्महत्या 

दुघर्टना में १ सहस्र ७६४ सैनिकों की मृत्यु, तो ३२३ सैनिक शहीद 

  • इतनी बडी संख्या में सैनिक आत्महत्या करते हैं, इसका अर्थ उनका मनोबल बढाने और उनकी समस्या सुलझाने में सरकार और प्रशासन कम पड रहा है, ऐसा ही ध्यान में आता है ! – संपादक
  • कम मनोबल वाले सैनिक कभी भी शत्रु से लड़ सकते हैं क्या ? – संपादक

नई दिल्ली – वर्ष २०१५ से २०२० के काल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के (सी.ए.पी.एफ. के) ६८० सैनिकों द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में दी । आत्महत्या करने वाले सैनिकों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) और सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के सैनिक भी सम्मिलित हैं । इसके अतिरिक्त अलग अलग दुघर्टनाओं में १ सहस्र ७६४ सैनिकों की मृत्यु होने की जानकारी राय ने दी । इस काल में विविध मुठभेडों  में ३२३ सैनिक शहीद हुए ।

आत्महत्या के पीछे सबसे प्रमुख कारण पारिवारिक था। आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान होकर कुछ सैनिकों ने आत्महत्या की, ऐसा बताया जा रहा है ।