भारत की ओर से दोनों देशों को पहली बार कठोर शब्दों में चेतावनी !
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नई दिल्ली – ‘चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कोरिडोर’ अर्थात् ‘सीपीईसी’ की परियोजना यह भारत की भूमि पर चल रही है । अनाधिकृत तौर पर कब्जे में ली गई भारतीय भूभाग पर चालू इस परियोजना का काम तुरंत रोकें, ऐसी चेतावनी भारत ने चीन और पाकिस्तान को दी है । ‘सीपीईसी’ पर भारत ने दोनो देशों को पहली बार कठोर शब्दों में चेतावनी दी है ।
India says 'polls' in PoK cannot hide Pakistan's illegal occupation, objects to CPEC reference in China-Pakistan statement https://t.co/N1iMtUsR1X
— The Times Of India (@timesofindia) July 30, 2021
पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीन के विदेशमंत्री वांग ई के बीच बीजिंग में हाल ही में बैठक हुई । इस बैठक के बाद प्रेस में दिए संयुक्त निवेदन में दोनो देशों की ओर से जिस प्रकार काश्मीर का उल्लेख किया गया, उसपर भारत ने कडे़ शब्दों में विरोध किया है । साथ ही दोनो देशों को भारत के आंतरिक बातों में हस्तक्षेप बंद करना चाहिए, ऐसे समझाते हुए ‘सीपीईसी’ विषय पर उपरोक्त चेतावनी दी है ।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘जम्मू-काश्मीर और लद्दाख ,ये भारत के अविभाज्य अंग हैं और आगे भी रहेंगे । चीन और पाकिस्तान इनके संयुक्त निवेदन में ‘सीपीईसी’ परियोजना का उल्लेख किया गया है । हमने दोनो देशों को हमेशा ही बताया है कि यह तथाकथित परियोजना पाकिस्तान द्वारा अनाधिकृत तौर पर कब्जे में ली भारत की भूमि पर चालू है । इस परियोजना को हमारा विरोध होकर यह काम तुरंत रोकें, साथ ही भारत की आंतरिक बातों में हस्तक्षेप करना भी बंद करें ।’’
‘सीपीईसी’ के विषय में वर्ष २०१५ में हुई बैठक पर भारत का बहिष्कार !
चीन ने ‘सीपीईसी’ परियोजना पर पहली बैठक वर्ष २०१५ में बुलाई थी । इसपर भारत ने बहिष्कार करते हुए विरोध दर्ज किया था । भारत के विरोध के बाद फ्रांस, अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी अंतर्राष्ट्रीय विकास परियोजनाओं के संदर्भ में अन्य देशों की भौगोलिक अखंडता का आदर करने को कहा था ।