‘बकरी ईद’ के कारण केरल में कोरोना का भीषण प्रकोप : एक दिन में २२ सहस्र से अधिक व्यक्ति संक्रमित  !

ईद के कारण कोरोना का बडी मात्रा में संक्रमण होने की सामाजिक माध्यमों पर चर्चा !

  • ध्यान दें कि ‘कोरोना के काल में कोई उत्सव नहीं होना चाहिए’ एसा चिल्ला-चिल्लाकर कहते हुए उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में हो रहे हिन्दू त्योहार ‘कांवड यात्रा’ के विरोध में बोलने वाले हिन्दुद्वेषी, आधुनिकतावादी अब एक शब्द भी नहीं निकालेंगे’ !
  • ‘अल्पसंख्यकों के विरुद्ध बोलना अर्थात धर्मांधता’ यह धर्मनिरपेक्षतावाद की परिभाषा होने के कारण धर्मनिरपेक्षतावादी अब साम्यवादी शासित केरल की दुर्दशा पर चुप हैं ! स्मरण रहें कि उन्होंनेही कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश की राजधानी ‘लखनऊ’ की ‘लाश’नऊ कह कर अवहेलना की थी  !
  • हरिद्वार कुंभ मेले को ‘सुपर स्प्रेडर’ (बडी मात्रा में संक्रमण बढाने का कारण) कह कर निंदा करने वाले राजनीतिक दलों द्वारा केरल की स्थिति पर मूक रहना हिन्दू कभी नहीं भूलेंगे  !
(प्रातिनिधिक छायाचित्र)

नई देहली – भारत में कोरोना की दूसरी लहर परिवहन प्रतिबंध (यातायात बंदी) एवं अन्य नियमों के कारण नियंत्रण में आई थी । ऐसा होते हुए भी केरल में मात्र तस्वीर अलग ही है । हाल ही में ‘बकरी ईद’ के अवसरपर, केरल की साम्यवादी सरकार ने परिवहन प्रतिबंध के अंतर्गत अनेक नियमों में ढील दी थी । इस कारण २८ जुलाई के एक ही दिन में, केरल राज्य में २२ सहस्र से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हुए तथा १५६ की मृत्यु हुई । इसलिए सामाजिक माध्यमों पर चर्चा है कि ईद ने ‘सुपर स्प्रेडर’ (बडी मात्रा में संक्रमण बढाने का कारण) का काम किया है ।

स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में २८ जुलाई को कुल ४३ सहस्र ५०९ कोरोना से पीडित रोगी मिले थे । देश के कुल कोरोना बाधित रोगियोंमें से ५३ प्रतिशत संख्या मात्र केरल, इस एक राज्य की है । विगत ५० दिनों में यह प्रथम बार हुआ है, जब एक ही राज्य में २० सहस्र से अधिक कोरोना के रोगी मिले हो ।

१. उत्तर केरल मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जहां कोरोना से पीडित राेगियें की संख्या सर्वाधिक पाइ गइ । मलप्पुरम जनपद में एक ही दिन में कोरोना के ४ सहस्र ३७ प्रकरण तथा कोलिकोड में २ सहस्र ३९७ प्रकरण प्रविष्ट किए गए ।

२. २१ जुलाई को ‘बकरी ईद’ थी । इसे देखते हुए, केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने १८, १९ एवं २० जुलाई को परिवहन प्रतिबंध में ढील दी थी । साथ ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली दुकानों के साथ-साथ कपडे, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स’ एवं आभूषणें की दुकानें भी रात्री ८ बजे तक खुली रखने की अनुमति दी थी ।

३. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए यह स्पष्ट किया था कि बकरी ईद के कारण कोरोना का संक्रमण बढा, तो न्यायालय आवश्यक कार्यवाही करेगा । भारतीय नागरिकों के जीवन का अधिकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है । कोई भी इसे छीन नहीं सकता ।

सामाजिक माध्यमों पर न्यायप्रणाली की भूमिका पर प्रश्न उपस्थित !

‘केरल में बकरी ईद तो उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों में कांवड यात्रा लगभग एक ही समय थी । सर्वोच्च न्यायालय ने जहां उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड यात्रा के लिए दी गई अनुमति निरस्त करने के लिए बाध्य किया था, वहीं केरल सरकार के बकरी ईद के संबंध में दी गइ ढील का मात्र मौखिक रूप से विरोध किया था’ ऐसा बताते हुए कुछ व्यक्तियोंने न्यायप्रणाली की भूमिका पर प्रश्न उठाया है ।