म्यांमार की स्थिति पर चीन का ध्यान, तो चीन पर हमारा ध्यान ! – सीडीएस जनरल बिपिन रावत

जनता को लगता है  कि अब चीन पर ध्यान रखना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु उसके विरुद्ध आक्रामक नीति अपनाना ही भारत के हित में है !

जनरल बिपिन रावत

नई देहली – ‘म्यांमार में वहां की सेना द्वारा सत्ता परिवर्तन किया गया । तब से चीन म्यांमार पर अप्रत्यक्ष रूप से ध्यान रख रहा है, तो भारत वहां की स्थिति पर ध्यान रखने के साथ साथ चीन पर भी ध्यान रख रहा है’, ऐसा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने एक वेबिनार (ऑनलाइन सम्मेलन) में कहा ।  जनरल रावत ने स्पष्ट किया कि सिलीगुडी कॉरिडोर अर्थात ‘चिकन नेक’ नामक भूमि का एक संकीर्ण भूभाग भारत के पूर्वोत्तर भाग को शेष भारत से जोडता है  । सैन्य रणनीति की दृष्टि से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है । इसीलिए चीन म्यांमार पर ध्यान रखे हुए है । म्यांमार की सीमा पूर्वोत्तर भारत से सटी हुई है । यदि चीन अपने महामार्ग परियोजना द्वारा म्यांमार में प्रवेश करता है, तो वह ‘चिकन नेक’ पर आक्रमण करने का प्रयास कर सकता है । इससे भारत को असुरक्षा हो सकती है । इस पृष्ठभूमि पर जनरल रावत बोल रहे थे ।

जनरल रावत ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में धर्मांध इस्लामी गुटों द्वारा अशांति उत्पन्न करने के लिए रोहिंग्या शरणार्थियों का उपयोग कर भारत की सुरक्षा संकट में डालने का प्रयास हो सकता है । (यदि ऐसा है, तो भारत ऐसे शरणार्थियों को भारत से निकालकर उनके देश क्यों नहीं भेज रहा है  ? – संपादक) चीन के अतिरिक्त, पूर्वोत्तर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी एवं विद्रोही गतिविधियां आदि भी सुरक्षा के लिए चिंता के विषय हैं । (सीमा पर सैनिकों की तैनाती होते हुए भी मादक पदार्थों की तस्करी होती ही कैसे है ? – संपादक)