स्वयंपर चल रही ‘ब्रेन ट्यूमर’ की शल्यचिकित्सा (सर्जरी ) के समय युवती कह रही थी श्री हनुमान चालीसा

पूरे ३ घंटे चली शल्यचिकित्सा सफल 

धर्म, अध्यात्म, साधना, उपासना आदि सब असत्य हैं, ऐसा चीख कर कहने वाले नास्तिकवादी, तथाकथित विज्ञानवादी, तर्कवादी आदियों को करारा चांटा ! 

‘ब्रेन ट्यूमर’ की शल्यचिकित्सा (सर्जरी ) के समय २४ वर्षीय महिला युवती

नई देहली – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (‘एम्स’) में जब एक २४ वर्षीय महिला युवती पर ‘ब्रेन ट्यूमर’ की शल्यचिकित्सा की गई । चल रही थी, तब वह शल्यचिकित्सा के समय यह युवती स्वयं हनुमान चालीसा का जप पाठ कर रही थी । यह जानकारी शल्यचिकित्सा दल के सदस्य आधुनिक चिकित्सक( डॉक्टर) दीपक गुप्ता ने दी । चिकित्सालय के अग्रणी आधुनिक डॉक्टरों के दल द्वारा उस महिला की ‘न्यूरो सर्जरी’ की गई । पूरे ३ घंटे चली शल्यचिकित्सा के समय यह युवती सचेत अवस्था में थी । उसकी शल्यचिकित्सा सफल रही है ।

डॉ दीपक गुप्ता ने बताया कि युवती देहली के शाहदरा क्षेत्र की निवासी है । इस युवती के सिर के अनेक भागों में ‘ट्यूमर (फोडे)’ थे, इसलिए उसपर शल्यचिकित्सा की गई । प्रथम उसके सिर के ऊपरी क्षेत्रमें असंवेदनता के ‘इंजेक्शन्स’ दिए गए, साथ ही वेदना निवारक औषधियां भी दी गई । यह शल्यचिकित्सा सफल बनाने के लिए उसके सिर की नसें अलग-अलग रंगों से चिन्हांकित (कोडिंग) की गई थी, जिसे आयुर्विज्ञान भाषा में ‘ट्रैक्टोग्राफी’ कहते हैं । इस प्रकार की शल्यचिकित्सा से मस्तिष्क की न्यूनतम क्षति होती है । मस्तिष्क के महत्वपूर्ण भाग क्षतिग्रस्त न हो, इसलिए रोगी को सचेत अवस्था में रखा जाता है । उन्होंने आगे कहा कि, हनुमान चालीसा अथवा किसी कोइ अन्य धार्मिक उपासना करने से अनेक लाभ होते हैं ।