नई दिल्ली – कोरोना के कारण पिछले वर्ष पंढरपुर की पैदल यात्रा रद्द की गई थी । इस वर्ष भी राज्य सरकार ने पैदल यात्रा को अनुमति नहीं दी; लेकिन प्रमुख १० यात्राओं को बस द्वारा जाने की अनुमति दी गई है । राज्य सरकार के इस निर्णय को संत नामदेव महाराज संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी । न्यायालय ने १९ जुलाई को हुई सुनवाई में इस याचिका को नकार दिया । न्यायालय ने महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी यात्राओं और वारकरी को अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका नकार दी । ‘आषाढी वार के लिए राज्य सरकार ने लाखों वारकरियों के सहित रजिस्टर्ड २५० पालकियों को वारी की अनुमति नकार दी है । यह निर्णय अर्थात् वारकरियों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है’। ऐसा इस याचिका में कहा गया था ।