तालिबान को रोकने के लिए जागतिक समुदाय एवं संयुक्त राष्ट्र क्या कदम उठाएंगे, यह उन्होंने बताना चाहिए !
काबुल (अफगानिस्तान) – अफगानिस्तान से अमेरिका के सैनिक लौट रहे हैं । इस पृष्ठभूमि पर ‘तालिबान ने अफगानिस्तान के ८५ प्रतिशत भूभाग पर नियंत्रण कर लिया है’ ऐसा दावा इस आतंकी संगठन के प्रमुख जबीहुल्लाह मुजाहिद ने किया है । तालिबान के रूस में स्थित एक गुट का कहना है कि अफगानिस्तान के ३९८ जनपदों में से २५० जनपद उसके नियंत्रण में हैं । तालिबान प्रमुख ने कहा है कि उसने ईरान से चीन तक के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है । तालिबान ने ईरान की सीमा पर स्थित इस्लामकाला गांव पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लिया है, जो सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । उनके इस दावे पर अफगान सरकार द्वारा कोई टिप्पणी नहीं की गई है ।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका की सर्व सेना ३१ अगस्त तक पीछे हट जाएगी । दूसरी ओर तालिबान एवं अफगान सरकार के मध्य में शांति वार्ता चल रही है । इस चर्चा द्वारा समस्याका अंतिम समाधान निकलेने के पूर्व तालिबान और अधिक क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है ।
अफगानिस्तान की परिवर्तित परिस्थिति पर पाकिस्तान के घडियाली अश्रु !
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की है । उन्होंने कहा, ‘यदि अफगानिस्तान में सशस्त्र संघर्ष तीव्र हो जाता है, तो (पाकिस्तान में आनेवाले) विस्थापितों की सैलाब की समस्या का सामना करनेकी पाकिस्तान की क्षमता नहीं है ।’ (पाकिस्तान तालिबान की सहायता करता है, यह संपूर्ण संसार जानता है । इसलिए यदि अफगानिस्तान में स्थिति बिगड जाती है एवं उसका विपरित प्रभाव पाकिस्तान पर होता है, तो उसका दायित्व पाकिस्तान का ही होगा ! – संपादक )