जकार्ता (इंडोनेशिया) – यहां प्राचीन काल से ‘यद्रया कसाडा’ नामक धार्मिक उत्सव आयोजित किया जाता है । इंडोनेशिया में रहने वाले हिन्दू आदिवासी ‘टेंगर’ जाति के हैं तथा वे पूजा करने के लिए पूर्वी जावा के प्रोबोलिंगगो स्थित माउंट ब्रोमो ज्वालामुखी पर जाते हैं । वहां वे भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं । इस बार भी उन्होंने वहां जाकर भगवान श्री गणेश की पूजा की । ये लोग देवता को प्रसन्न करने के लिए ज्वालामुखी पर प्रसाद चढाते हैं । इनमें अनाज, सब्जियां, पशु एवं पक्षी अर्पण किए जाते हैं । उनकी श्रद्धा है कि शैतान को शांत करने के लिए मांस एवं चावल का भोग लगाना चाहिए । इस प्रकार का प्रसाद अर्पण करने से ज्वालामुखी का विस्फोट नहीं होता एवं यहां के लोग सुरक्षित रहते हैं । (इंडोनेशिया में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (अंनिस) जैसा कोई संगठन नहीं है, अन्यथा इन हिन्दुओं का विरोध करते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की होती ! – संपादक)
यहां के ३० गांवों में टेंगर जाति के अनुमानित १ लाख लोग रहते हैं । वे स्वयं को हिन्दू मानते हैं । वे स्वयं को इंडोनेशिया के अंतिम राजा भारतीय मूल के माजापहित राजकुमार के वंशज मानते हैं । वे अभी भी जंगल में रहते हैं तथा मांसाहारी एवं शाकाहारी दोनों भोजन लेते हैं । वे हिन्दू धर्म के अतिरिक्त बौद्ध धर्म को भी मानते हैं । ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के साथ, भगवान बुद्ध की भी वहां पूजा की जाती है ।