मराठा आरक्षण के मामले में केंद्र की पुर्नविचार याचिका उच्चतम न्यायालय ने नकार दी !

मराठा समाज को आरक्षण देने का सूत्र अब केंद्र के दायरे में !

नई दिल्ली – मराठा आरक्षण के मामले में केंद्र सरकार द्वारा प्रविष्ट की पुर्नविचार याचिका उच्चतम न्यायालय ने नकार दी है । ‘१०२ वें संविधान संशोधन के बाद सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछडे वर्ग को आरक्षण देने का अधिकार केवल राष्ट्रपति को ही है, वैकल्पिक रुप से केंद्र सरकार को ही है’, यह ५ सदस्यीय पीठ द्वारा दिए निर्णय को उच्चतम न्यायालय ने १ जुलाई के दिन पुनः दोहराया । केंद्र सरकार के ’इन संविधान संशोधन के बाद भी राज्यों के पिछडे वर्गों को निर्धारित करने का अधिकार अप्रभावित है’, ऐसी भूमिका लेते हुए पुर्नयाचिका प्रविष्ट की थी , जिसे न्यायालय ने नकार दिया है । इस कारण मराठा समाज को आरक्षण देने का सूत्र अब केंद्र के दायरे में है ।

केंद्र सरकार अध्यादेश जारी करे ! – सांसद संभाजीराजे

सांसद संभाजीराजे

इस विषय में मीडिया से बोलते हुए सांसद संभाजीराजे ने कहा, ‘‘ न्यायालय द्वारा केंद्र की याचिका नकारने का अर्थ ऐसा होता है कि, राज्यों के पास अधिकार नहीं बचे हैं । मेरी केंद्र सरकार से यह विनती है कि, उसे अध्यादेश जारी करना चाहिए । इसके लिए उसे संविधान संशोधन के सिवाय पर्याय नहीं । वह केंद्र सरकार को करना चाहिए, जिससे राज्य को वो अधिकार मिल सकेंगे, यह पर्याय अब हमारे सामने है ।’’