यदि संबंधित व्यक्ति अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने के समय अवयस्क है, तो उसके वयस्क होने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है !

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ का निर्णय !

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ

लक्ष्मणपुरी (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) – शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु होने की स्थिति में, यदि शासन अनुकम्पा के आधार पर परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देते समय, वह अवयस्क है तथा पढाई कर रहा है तो उसके वयस्क होने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक याचिका पर निर्णय देते हुए कहा, कि कर्मचारी की मृत्यु से उसके परिवार के लिए आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है और यही अनुकंपा का एकमात्र आधार है ।