कश्मीर में दो सिख युवतियों का बलपूर्वक धर्म परिवर्तन

  • एक युवती का मुस्लिम युवक से विवाह !

  • जम्मू में सिख  संगठनों द्वारा आंदोलन; ‘लव जिहाद’ का आरोप !

  • सिख संगठनों ने सिख लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन का विरोध किया है। अभी तक हिन्दू युवतियों के प्रकरण  में ऐसी घटनाएं हो रही थीं, तो सिख संगठन मौन  क्यों थे?
  • पाकिस्तान की सहायता  से पंजाब में कार्यवाहियां करनेवाले खालिस्तानी संगठन मुंह  नहीं खोलते  अथवा  यह मान लिया जाए कि ये घटनाएं उन्हें स्वीकार  हैं ?
  • क्या केनडा और अन्य देशों में भारत के विरोध में  प्रदर्शन कर रहे सिख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कट्टरपंथियों का विरोध करेंगे ?
शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों का जम्मू में आंदोलन

जम्मू – कश्मीर के बडगाम और श्रीनगर से दो सिख युवतियों  का अपहरण कर  उनका  इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने की घटनाएं घटी हैं । इनमें से एक युवती  का एक मुस्लिम युवक से बलपूर्वक विवाह  कर दिया गया  है  शिरोमणि अकाली दल  के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी  के पदाधिकारियों ने जम्मू में आंदोलन किया और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलकर  उचित कार्रवाई करने की मांग की है ।

सरदार संतपाल सिंह, अध्यक्ष, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, बडगाम ने कहा,

१. बडगाम की युवती  मानसिक रूप से बीमार थी । उसे प्रेम जाल में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन कर दिया गया । यह  ‘लव जिहाद’ का प्रकरण है । युवती  को उसके परिवार को नहीं सौंपा गया है।

२. पुलिस अधीक्षक ने लिखित में कहा था कि न्यायालय  की सुनवाई के पश्चात उसे परिवार को सौंप दिया जाएगा । न्यायालय  ने मुसलमान युवक के पक्ष में निर्णय  सुनाया और युवती  को उसे सौंप दिया गया ।

३. पुलिस ने न्यायालय  में कोरोना नियमों का कारण बताते हुए हमें बाहर बैठाया; लेकिन मुसलमान  युवक के परिजनों को भीतर  जाने दिया। न्यायालय  ने हमारी अनुपस्थिति में लड़की का उत्तर प्रविष्ट किया। उन्होंने लड़के के परिजनों के उत्तर पर ही ध्यान दिया।

४. न्यायालय ने हमें  युवती के परिजन होने के कारण बुलाया ही नहीं । न्यायालय  को कम से कम एक सप्ताह के लिए युवती को  हमें सौंपना चाहिए था। यदि वह तब चाहती,  तो हम उसे मुसलमान युवक के पास जाने देते । इस  मुसलमान के पहले भी २-३ विवाह हो चुके हैं । उन्होंने आवाहन किया कि मुसलमान धर्मियों को हमारा समर्थन करते हुए सहायता करनी चाहिए ।