मुसलमान बहुल इंडोनेशिया में, एक मुसलमान मौलवी को ऐसा दंड मिल सकता है परंतु, भारत में ऐसा नहीं होगा ; क्योंकि, भारत में धर्मनिरपेक्षता की आड में, ऐसे लोगों को तुष्टीकरण करते हुए प्रत्येक अपराध में बचाने का प्रयास किया जाता है ; यह ध्यान रखें !
जकार्ता (इंडोनेशिया) – यहां के प्रभावशाली मौलवी मोहम्मद रिजिक शिहाब को कोरोना का संक्रमण छुपाने के अपराध में ४ वर्ष के कारावास का दंड सुनाया गया है । न्यायालय ने दंड सुनाते हुए कहा, ‘शिहाब द्वारा जानकारी छुपाने के कारण उनके संपर्क में आए हुए व्यक्तियों को ढूंढने में कठिनाइयां उत्पन्न हुई तथा उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए संकट निर्माण किया ।’ दंड सुनाते समय न्यायालय के बाहर बडी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी । सैनिकों को भी तैनात किया गया था । शिहाब के समर्थक उसकी मुक्ति की मांग कर रहे थे । शिहाब के समर्थकों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोडे ।
An influential firebrand cleric in #Indonesia was sentenced to another four years in prison, for concealing information about his #coronavirus test result.https://t.co/KNIoFOtAj9
— The Hindu (@the_hindu) June 24, 2021
मई माह में भी शिहाब को आठ मास के कारावास का दंड सुनाया गया है । उनपर यातायात प्रतिबंध के नियमों का उल्लंघन कर, अपनी पुत्री के विवाह में बडी संख्या में लोगों को एकत्रित करने का आरोप लगाया गया था । उसी समय उन्हें कोरोना का संक्रमण हो गया था तथा उन पर चिकित्सालय में उपचार चल रहे थे । यह जानकारी उन्होंने छुपाई ।