महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय को ‘सुपरलेटिव प्रेजेंटेशन अवार्ड’ (अत्युत्तम प्रस्तुतीकरण पारितोषिक) मिला !

श्रीलंका में आयोजित की ७ वीं ‘विश्व महिला अभ्यास परिषद २०२१’

मुंबई – ‘दी इंटरनेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ नॉलेज मैनेजमेंट, श्रीलंका’ ने हाल ही में ‘ऑनलाइन’ आयोजित की ७ वी ‘वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन वूमन्स स्टडीज् २०२१’ (विश्व महिला अभ्यास परिषद २०२१) इस अंतर्राष्ट्रीय परिषद में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालयने सहभाग लिया था । विश्वविद्यालय की ओर से अमेरिका की पू. (श्रीमती.) भावना शिंदे ने ‘अलंकारों का स्त्रियों पर आध्यात्मिक स्तर पर क्या परिणाम होता है ?’, यह शोध निबंध प्रस्तुत किया था । इस शोध निबंध के लेखक परात्पर गुरू डॉ. आठवले और पू. (सौ.) भावना शिंदे सहलेखिका हैं । इस शोधनिबंध के प्रस्तुतीकरण को इस परिषद ने ‘सुपरलेटिव प्रेजेंटेशन अवार्ड’ (अत्युत्तम प्रस्तुतीकरण पारितोषिक) दिया है ।

इस परिषद में सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से एक विडियो दिखाया गया । विडियो के माध्यम से संगीत और नृत्य प्रत्येक का एक सात्विक प्रस्तुतीकरण और इनका आध्यात्मिक स्तर पर होने वाला परिणाम इस विषय के संशोधन पर आधारित जानकारी दिखाई गई थी । गले में ३ प्रकार के हारों को परिधान करने वाले पर होने वाला सूक्ष्म परिणाम अभ्यास करने के लिए प्रभाव और ऊर्जा मापने का यंत्र और सूक्ष्म परीक्षण के माध्यम से किए संशोधन की जानकारी पू. (श्रीमती.) भावना शिंदे ने उपस्थितों को दी थी । आभूषण के पारंपरिक डिजाइन और मूल्य पर सवाल उठाते हुए, पूज्य (श्रीमती) भावना शिंदे ने कहा, ‘आभूषण एक महिला को आध्यात्मिक रूप से कैसे प्रभावित कर सकता है ?’ इस पर महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का विशिष्ट शोध प्रस्तुत किया गया । संगोष्ठी में उपस्थित लोगों और आयोजकों ने ‘गहने के आध्यात्मिक पहलुओं और पहनने वाले पर इसके प्रभाव’ के बारे में जाना । संतों द्वारा दिए गए व्याख्यान दिव्य चेतना से भरे हुए थे, जिससे सभी को लाभ हुआ ।

  • सूक्ष्म : व्‍यक्‍ति का स्‍थूल अर्थात प्रत्‍यक्ष दिखनेवाले अवयव नाक, कान, नेत्र, जीव्‍हा एवं त्‍वचा यह पंचज्ञानेंद्रिय है । जो स्‍थूल पंचज्ञानेंद्रिय, मन एवं बुद्धि के परे है, वह ‘सूक्ष्म’ है । इसके अस्‍तित्‍व का ज्ञान साधना करनेवाले को होता है । इस ‘सूक्ष्म’ ज्ञान के विषय में विविध धर्मग्रंथों में उल्‍लेख है ।
  • सूक्ष्म-परीक्षण: किसी घटना के संदर्भमें अथवा प्रक्रिया के संदर्भ में चित्त को (अंतर्मन को) जो प्रतीत होता है, उसे सूक्ष्म-परीक्षण कहते हैं |