उत्तर प्रदेश में ‘कोरोनामाता मंदिर’ अज्ञातों ने तोडा !

मंदिर ५ दिन पूर्व बनाया गया था !

  • ऐसे मंदिर निर्माण की घटना से एक बार पुनः स्पष्ट होता है कि हिन्दुओं में धर्म शिक्षा का कितना अभाव है !
  • ऐसे मंदिर जब निर्माणाधीन होते हैं, तब हिन्दू संत, महंत, धर्माचार्य, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, नेता वैधानिक पद्धति से इसका विरोध नहीं करते हैं अथवा हिन्दुओं का उद्बोधनभी नहीं करते हैं:परंतु ऐसा अपेक्षित नहीं है !

प्रतापगढ (उत्तर प्रदेश) – यहां के शुक्लपुर गांव में ५ दिन पूर्व बनाया गया ‘कोरोनामाता मंदिर’ अज्ञात लोगों द्वारा तोड दिया गया । पुलिस ने कहा कि, मंदिर विवादित भूमि पर बनाए जाने के कारण जिन व्यक्तियों में विवाद है, उनमें से किसी ने इसे तोड दिया है ।

१. यह भूमि नोएडा के निवासी लोकेश, नागेश कुमार श्रीवास्तव एवं जयप्रकाश श्रीवास्तव के स्वामित्व में हैं ।नागेश द्वारा प्रविष्ट की गई शिकायत के अनुसार मंदिर केवल भूमि हथियाने के लिए बनाया गया था ।

२. ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर का निर्माण लोगों के आर्थिक सहयोग से लोकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा ५ दिन पूर्व ही किया गया था, साथ ही मंदिर में ‘कोरोनामाता’ की मूर्ति भी स्थापित की गई थी । गांव के राधेश्याम वर्मा को पूजा करने के लिए पुजारी भी नियुक्त कियागया था । मूर्ति की पीछे के दीवार पर लिखा था कि ‘मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं तथा सामाजिक दूरी का पालन करें’। ‘कोरोनामाता’ को मात्र पीले फूल, पीले फल, पीले रंग का मीठा प्रसाद या अन्य कोई पीली वस्तु ही चढाएं, ऐसा बताया गया था ।

३. गत महीने ही तमिलनाडु के कोयंबटूर में ‘कोरोनादेवी’ के मंदिर का निर्माण किया गया है । इस मंदिर में ‘कोरोनादेवी’ की मूर्तिस्थापित की गई है ।