फेसबुक की हिन्दूद्वेष की शृंखला जारी ही है !
- अमेरिका के ‘फोरम फॉर हिन्दू अवेकनिंग’ के पृष्ठ पर भी प्रतिबंध !
- हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू अधिवेशन’ तथा ‘सनातन प्रभात’ एवं ‘सनातन शॉप’ के पृष्ठों पर प्रतिबंध जारी !
- फेसबुक को भेजे गए पत्रों का भी उत्तर नहीं !
मुंबई (महाराष्ट्र) – फेसबुक द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू अधिवेशन’, साथ ही ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के ‘सनातन प्रभात’ एवं सनातन के ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों का विक्रय करनेवाले ‘सनातन शॉप’ के पृष्ठों को बंद कर दिया गया था । तदुपरांत, इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन प्रभात एवं सनातन संस्था द्वारा पत्र भेजे गए हैं; परंतु, फेसबुक ने कोई उत्तर नहीं दिया है । अब फेसबुक ने समिति का हिन्दी पृष्ठ भी बंद कर दिया है । साथ ही अमेरिका में स्थित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ‘फोरम फॉर हिन्दू अवेकनिंग’ (एफएचए) का पृष्ठ बंद कर दिया गया है । अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धर्मप्रेमी संगठन, फेसबुक की इस हिन्दू विरोधी भूमिका का वैधानिक रूप से विरोध कर रहे हैं ।
प्रतिबंध लगाने से देश-विदेश के लाखों राष्ट्रप्रेमी एवं धर्म प्रेमियों की हुई हानि !
१. फेसबुक पेज ‘हिन्दू अधिवेशन’ के सदस्यों की संख्या १४ लाख ४५ सहस्र थी । यह पृष्ठ एक ‘सत्यापित पृष्ठ’ (संगठन द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकृत पृष्ठ) है । इसके अतिरिक्त समिति के राज्य एवं जनपद स्तर के पृष्ठ भी कार्यरत हैं । इनमें से अधिकांश पृष्ठ अर्थात ३५ राज्य एवं जनपद स्तर के पृष्ठ भी अब फेसबुक द्वारा बंद कर दिए गए हैं । इन सभी पृष्ठों से, राष्ट्र एवं धर्म से संबंधित गतिविधियां तथा धार्मिक शिक्षा से संदर्भित नियमित पोस्ट्स किए जाते थे । समिति का मानना है कि ये सभी पोस्ट्स कानून की सीमाओं में ही बनाए जा रहे हैं । इन पृष्ठों से राष्ट्रप्रेमी एवं धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन किया जा रहा था । इसके बंद होने से हिन्दुओं की राष्ट्र एवं धर्म से संदर्भित अपरिमित वैचारिक क्षति हुई है ।
२. हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दी पृष्ठ के २ लाख ५० सहस्र से अधिक सदस्य थे । इन पृष्ठों से भी हिन्दुओं को राष्ट्र और धर्म की जानकारी दी जाती थी ।
३. अमेरिका के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, फोरम फॉर हिन्दू अवेकनिंग (एफएचए) के पृष्ठ के ६ लाख से अधिक सदस्य थे । इससे हिन्दुओं को धर्म एवं साधना की जानकारी दी जाती थी । धर्म के लिए सक्रिय रहने का मार्गदर्शन किया जाता था । विशेषतः अमेरिका एवं अन्य देशों के हिन्दुओं का इसके माध्यम से मार्गदर्शन किया जाता था ।
४. सनातन प्रभात नियतकालिकों के द्वारा राष्ट्र्र एवं धर्म सहित साधना के संदर्भ में हिन्दुओं का मार्गदर्शन किया जाता था । सनातन प्रभात के फेसबुक पृष्ठ के ७ सहस्र ५०० से अधिक सदस्य थे । इस पृष्ठ से राष्ट्र्र एवं धर्म पर होनेवाले आक्रमण तथा धर्म शिक्षा एवं संतों के विचारों का नियमित रूप से प्रसार किया जाता था। वह भी बंद होने से हिन्दुओं को राष्ट्र एवं धर्म की जानकारी नहीं मिल रही है । इसके लिए फेसबुक उत्तरदायी है । (फेसबुक का यह मनमानी व्यवहार अर्थात पत्रकारिता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटना ही है ! – संपादक)
५. ‘सनातन शॉप के पृष्ठ की सदस्य संख्या ५ सहस्र ६०० थी । इस पृष्ठ के द्वारा सनातन के विभिन्न विषयों पर प्रकाशित ५ ग्रंथों से संदर्भित पोस्ट्स किए जाते थे । इनमें आयुर्वेद, अध्यात्म, साधना, आपातकाल, त्योहार-धार्मिक उत्सव, बालसंस्कार आदि विषय सम्मिलित थे।
फेसबुक द्वारा बंद किए गए हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं तथा संगठनों के पृष्ठ !
वर्ष २०१२ में भी हिन्दू जनजागृति समिति के आधिकारिक पृष्ठ कोई कारण बताए बिना बंद कर दिए गए । प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ एवं भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह के आधिकारिक फेसबुक पृष्ठ को भी फेसबुक ने बिना कोई कारण बताए बंद कर दिया था । इसी प्रकार गत वर्ष सनातन संस्था के आधिकारिक पेज पर अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था । इतना ही नहीं, संस्था के वेबसाइट की किसी भी लिंक को फेसबुक पर पोस्ट नहीं किया जा सकता है । हिन्दुत्वनिष्ठ संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके के ‘सुदर्शन न्यूज’ के फेसबुक पेज के साथ-साथ राष्ट्र्रवादी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ ‘न्यूज पोर्टल’ के ‘ऑप इंडिया’ को भी कुछ समय पूर्व बंद कर दिया गया है । (६.६.२०२१)
- फेसबुक का हिन्दूद्वेष देखते हुए कल यदि वे सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों एवं नेताओं के पृष्ठ बंद कर दें, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! हिन्दू जनजागृति समिति आज संकट में है; परंतु अन्य संगठनों को भी कल इसका सामना करना पडेगा, यह ध्यान में रखते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकजुट होकर फेसबुक का वैधानिक पद्धति से विरोध करना चाहिए !
- ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ एवं ‘सनातन प्रभात’ द्वारा पत्र भेजने के पश्चात भी फेसबुक जानबूझकर उनका उत्तर नहीं देता है, यही इससे ध्यान में आता है । मूलतः, फेसबुक द्वारा पृष्ठ बंद करते समय ही उसके पीछे का कारण देना अपेक्षित था; परंतु फेसबुक जैसे जागतिक स्तर के प्रतिष्ठान ने उतना भी कष्ट नहीं उठाया है । ऐसा संसार में अन्य कहीं भी होते हुए नहीं दिखाई देता । इससे फेसबुक का मनमानी व्यवहार एवं हठीलापन उजागर होता है । केंद्र सरकार द्वारा अब ऐसे सामाजिक माध्यमों पर कठोर निर्बंध लगाकर उन पर अंकुश लगाना अनिवार्य हो गया है ।
- क्या फेसबुक ने ईसाई धर्म के प्रति अपने प्रेम एवं हिन्दूद्वेष के कारण तो इन पृष्ठों पर प्रतिबंध नहीं लगाया ? हिन्दुओं के मन में ऐसी शंका आए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए !
हिन्दुत्वनिष्ठ और हिन्दू संगठनों से आवाहन !सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने फेसबुक का जो हिन्दूद्वेष अनुभव किया है, वही अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों ने भी अनुभव किया होगा । ऐसा देखने में आया है कि समाज में नि:स्वार्थ रूप से राष्ट्र और धर्म हेतु निरंतर कार्य करनेवाले अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के फेसबुक पृष्ठों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है । इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति सभी हिन्दुत्वनिष्ठ और धर्म हेतु कार्य करनेवाले संगठनों का आवाहन करती है कि इस प्रकार से यदि फेसबुक ने किसी भी प्रकार की पूर्वसूचना दिए बिना आपके पृष्ठों पर प्रतिबंध लगाया है, तो उसकी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति को सूचित करें । इस विषय में समिति निश्चित ही आपकी सहायता करेगी । जानकारी भेजते समय उसमें संगठन का नाम, फेसबुक पेज की लिंक, सदस्य संख्या और संपर्क क्रमांक का समावेश हो । हिन्दू जनजागृति समिति से निम्न संपर्क क्रमांक पर संपर्क कर सकते हैं । संपर्क क्रमांक : 9322533595 |