नई देहली : एक नागरिक के रूप में सरकार और उसके पदाधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णयों की आलोचना करने का अधिकार सभी नागरिकों को है । सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह अधिकार तब तक सीमित है जब तक सरकार के विरोध में आलोचना के फलस्वरूप हिंसा व अशांति उत्पन्न नहीं की जाती । न्यायालय ने पत्रकार विनोद दुआ के विरुद्ध प्रविष्ट देशद्रोह के आरोप को निरस्त करते हुए आदेश पारित किया । गतवर्ष शिमला में भाजपा नेता श्याम द्वारा दुआ के विरोध में शिकायत पकरने के उपरांत उनके विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया गया था ।
Citizen Has Right To Criticize Government As Long As He Does Not Incite People To Violence: Supreme Court In Vinod Dua Case @VinodDua7 https://t.co/6vlyawOWer
— Live Law (@LiveLawIndia) June 3, 2021
न्यायालय ने कहा कि दुआ का वक्तव्य सरकार और उसके अधिकारियों के कार्य को नकारता है तथा वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुरूप है तथा ऐसी आलोचना अधिक अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकती है । इस आलोचना का उद्देश्य लोगों को भड़काना नहीं था, जिससे कानून और व्यवस्था बाधित हो ।