नेस्ले प्रतिष्ठान के ६० प्रतिशत उत्पाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक !

नेस्ले प्रतिष्ठान की स्वयं की आंतरिक रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी

भारत सरकार को इसे गंभीरता से देखते हुए भारत में विक्रय किए जाने वाले नेस्ले के उत्पाद स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायक हैं, इसकी जांच करनी चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है ।

नई देहली – ‘नेस्ले’ नामक विदेशी प्रतिष्ठान के अंतर्गत कागजातों, उसके ६० प्रतिशत खाद्य एवं पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए गए हैं । ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ द्वारा प्रकाशित एक समाचार में यह जानकारी दी गर्इ है । इन कागजातों में प्रतिष्ठान ने यह भी कहा, ‘कितने भी सुधार किए जाएं, तब भी कुछ खाद्य पदार्थ कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हो सकते हैं।’ ऐसा होते हुए भी अब  नेस्ले प्रतिष्ठान स्वास्थ्य के लिए एेसे हानिकारक ६० प्रतिशत उत्पाद अधिक सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रहा है ।

१. फाइनेंशियल टाइम्स के समाचार के अनुसार, वर्ष २०२१ के प्रारंभ में नेस्ले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रसारित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि, ऑस्ट्रेलिया के ‘हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम’ के अंतर्गत प्रतिष्ठान के केवल ३७ प्रतिशत उत्पादों को ही ३.५ ‘रेटिंग’ (एक प्रकार का गुणवत्ता मूल्यांकन) मिली है । ३.५ स्टार रेटिंग को ‘स्वास्थ्य की मान्यता प्राप्त परिभाषा’ माना जाता है, जिसका अर्थ है कि शेष उत्पाद इस मानक के अनुरूप नहीं हैं ।

२. ऑस्ट्रेलिया की खाद्य पदार्थ ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली खाद्य पदार्थों को ० से ५ ‘स्टार रेटिंग’ देती है । इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता/ जांचने के लिए किया जाता है । नेस्ले के जल से संबंधित उत्पाद ८२ प्रतिशत तथा डेयरी से संबंधित उत्पाद ६० प्रतिशत के मानक की कसौटी पर उत्तीर्ण सिद्ध हुए हैं ।

भारत में नेस्ले की ‘मैगी’ पर लगाया गया था प्रतिबंध !

वर्ष २०१५ में, भारत में नेस्ले के ‘मैगी’ इस खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता पर आपत्ति उठाई गई थी । बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) में ‘खाद्य सुरक्षा नियामकों’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट एवं सीसे (लेड ) की मात्रा अधिक होने का उल्लेख था । इसलिए, भारत सरकार ने उसपर प्रतिबंध लगाया था । कुछ माह पश्चात मुंबई उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए प्रतिबंध हटा लिया था कि, गुणवत्ता का ठीक से परीक्षण नहीं किया गया था ।