पाक के संविधान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उल्लेख ‘गैर-मुस्लिम’ ऐसा करें ! पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद की मांग

संविधान दुरूस्ती के लिए पाक संसद में निजी विधेयक प्रस्तुत

ऐसा करने पर जिहादी मानसिकता वाले पाक में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार कभी रुकेंगे नहीं । इसके लिए भारत सरकार को आगे आकर वहां के हिंदुओं की रक्षा का दायित्व स्वीकारना चाहिए !

इस्लामाबाद – पाक के संविधान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को  ‘गैर-मुस्लिम’ ऐसा उल्लेख करना चाहिए, ऐसी मांग पाकिस्तान के हिंदू सांसद किसो मल कीआल दास ने किया है । इसके लिए उन्होंने पाक की संसद में अशासकीय विधेयक प्रस्तुत किया है । दास विरोधी पार्टी ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज’ (पी.एम.एल.-एन) इस पार्टी के सांसद हैं । दास ने आगे कहा कि, संविधान में ऐसा बदलाव करने पर पाक के गैर-मुस्लिम धर्मियों से किया जाने वाला भेदभाव समाप्त होकर नागरिकों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है । इस विधेयक को तत्काल सहमति देकर उसकी कार्यवाही करने की आवश्यकता है । सरकार ने इस विधेयक का विरोध नहीं किया । यह विधेयक संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया है । समिति की ओर से इस विधेयक की समीक्षा करने के बाद इस विधेयक पर मतदान कराया जाएगा ।

पाकिस्तान में अब केवल ७५ लाख हिंदू शेष !

हिंदुओं के विरोध में सतत विषवमन करने वाले प्रगतिशीलवादी, समाजवादी, कांग्रेसी इस विषय पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं, यह ध्यान दें और सभी ओर के हिंदुओं की रक्षा करने के लिए अब तो हिंदू राष्ट्र स्थापित करें !

पाकिस्तान की कुल जनसंख्या में गैर-मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या लगभग ३.५ प्रतिशत है । इसमें ईसाई, अहमदी, बहाई, पारसी, बौद्ध आदि समुदाय सम्मिलित हैं । इसमें भी हिंदू समुदाय सबसे बडा ‘अल्प संख्यक समुदाय’ है । अधिकारिक  संख्यानुसार पाकिस्तान में ७५ लाख हिंदू शेष हैं । वहां सबसे अधिक हिंदू सिंध प्रांत में है ।