(कहते हैं) ‘एलोपैथी की आलोचना करने वाले रामदेव बाबा के विरुद्ध  अपराध दर्ज करें !’

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्वास्थ्य मंत्री से मांग !

कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में भारत में कई प्रकरण प्रकाश में आए हैं, जिनमें अनेक डॉक्टरों द्वारा रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करना या डॉक्टर की गलती के कारण मरीजों की मृत्यु होना सम्मिलित है । ऐसे गैरजिम्मेदार और भ्रष्ट डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बारे में आर्इ.एम.ए. मुंह में दही जमाकर चुपचाप बैठा है । योग ऋषि रामदेव बाबा के विरोध में कार्रवाई की मांग जिस तत्परता से की गई है, वही तत्परता  डॉक्टरों के संदर्भ में कोई क्यों नहीं दिखाता ?

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने मांग की है कि, योग ऋषि रामदेव बाबा के विरुद्ध झूठे दावे करने और सार्वजनिक रूप से भ्रम पैदा करने के लिए, संक्रामक रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए । उन्होंने चेतावनी दी, ”यदि योग ऋषि रामदेव बाबा के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन को लोकतांत्रिक मार्ग से संघर्ष करना  होगा और न्यायालय की सहायता लेनी होगी ।”

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं  एलोपैथी में स्नातकोत्तर शिक्षा ली है !

संगठन ने कहा कि, ‘स्वास्थ्य मंत्री को या तो योग ऋषि रामदेव बाबा के आरोपों को स्वीकार करना चाहिए और आधुनिक चिकित्सा पेशे को विसर्जित करना चाहिए या साहस दिखाना चाहिए और रामदेव बाबा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करना चाहिए ।’

हाल ही में योग ऋषि रामदेव बाबा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है । इसमें वे ‘एलोपैथी’ (आधुनिक चिकित्सा उपचार पद्धति ) की आलोचना करते हुए दिखाई दे रहे हैं । इसमें वे कहते हैं, ‘हाइड्रोक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर, एंटीबायोटिक्स, फैबिप्लून, स्टेरॉयड सभी अप्रभावी हैं । प्लाज्मा थेरेपी पर भी रोक लगा दी गई है । एलोपैथिक उपचार से लाखों लोगों की मृत्यु हो चुकी है ।’

स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान ! – पतंजलि योगपीठ ने आरोपों से किया इनकार

इस संबंध में हरिद्वार स्थित योग ऋषि रामदेव बाबा के पंतजलि योगपीठ ट्रस्ट की ओर से वक्तव्य जारी किया गया है । पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया है, “योग ऋषि रामदेव बाबा इस महामारी में दिन-रात चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का सम्मान करते हैं । वे कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य सदस्यों को वट्सऐप में आए हुए एक संदेश को पढकर सुना रहे थे ।”

बयान में आगे कहा गया है कि, ‘योग ऋषि रामदेव बाबा आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सकों के अयोग्य विचार नहीं रखते । उन पर लगे आरोप निराधार व निरर्थक हैं ।’