मारे गए आतंकवादी मुसलमान थे और वे ही अपने धार्मिक स्थल को आग लगाने का प्रयास कर रहे थे । इससे ‘सुरक्षाबलों ने मस्जिद में आग लगाई’, ऐसा दिखाकर उनके विरोध में घृणा निर्माण करने का आतंकवादियों का प्रयास था, यह स्पष्ट होता है ! ऐसे आतंकवादियों के विरोध में देश के इस्लामी संघठन क्यों नही बोलते ?
शोपिया (जम्मू-कश्मीर) – यहां ९ अप्रैल के दिन सुरक्षाबलों ने ५ आतंकवादियों को मुठभेड में मार गिराया । यह आतंकवादी यहां एक मस्जिद में छिपे थे । मुठभेड जारी रहते समय इन आतंकवादियों ने मस्जिद के एक भाग को आग लगाने का प्रयास किया था, ऐसा अब सामने आया है । सुरक्षाबलों ने मुठभेड के बाद मस्जिद की स्वच्छता की, अंदर मिली धार्मिक पुस्तकें प्रशासन को सौंपी ।
Terrorists misused mosques for terror attacks in Pampore on 19th June 2020, Sopore on 1st July 2020 and Shopian on 9th April 2021. Public, Masjid Intizamia, civil societies and media should condemn such acts: IGP Kashmir Vijay Kumar pic.twitter.com/ElCoje7Na7
— ANI (@ANI) April 12, 2021