लाल किले में मस्जिद की सीढियों के नीचे भगवान श्रीकृष्ण की प्राचीन मूर्तियां गाडी हुई हैं !

श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का प्रकरण !

पुरातत्व विभाग को मूर्तियों को बाहर निकालना चाहिए ! – श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन समिति की मांग

ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? केंद्र सरकार को स्वयं इस तथ्य पर ध्यान देकर, हिन्दुओं के गाडे गए गौरवशाली इतिहास को फिर से प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए !

मथुरा (उत्तर प्रदेश) – यहां के न्यायालय में भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि का प्रकरण प्रलंबित है । उसकी सुनवाई के दौरान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता, महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘कटरा केशवदेव परिसर में, ओरछा नरेश वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनाए गए मथुरा के ठाकुर केशवदेव (भगवान श्रीकृष्ण) के भव्य मंदिर की ‘श्री विग्रह’ (मूर्तियां), आगरा में लाल किले के दीवाने-ए-खास में स्थित एक छोटी मस्जिद की सीढियों के नीचे दबाई गई हैं ।’ उन्होंने मांग की कि, इन श्रीविग्रहों को वहां से उत्खनन कर निकाला जाना चाहिए । इस पर अगली सुनवाई १९ अप्रैल को होगी ।

अधिवक्ता सिंह ने न्यायालय को बताया कि, ‘कटरा केशवदेव टीला में वर्तमान भगवान केशवदेव मंदिर और भागवत भवन में विशाल मंदिर १६१८ में ओरछा नरेश ने जहांगीर बादशाह के शासनकाल में बनवाया था । इस मंदिर को औरंगजेब ने वर्ष १६६९ में ढहा दिया था और उसके अवशेषों के द्वारा ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी । इस समय, मंदिर में भगवान केशवदेव के ‘श्रीविग्रह’ को आगरा के लाल किले में स्थित दीवान-ए-ख़ास में एक छोटी मस्जिद की सीढियों के नीचे दबा दिया गया था । इस कारण आज भी लाखों भक्त आहत हैं । इसलिए, पुरातत्व विभाग तथा अन्य विशेषज्ञों को आधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग कर ‘श्रीविग्रहों’ को वहां से निकाल के संरक्षित किया जाए ।’