स्वतंत्रता के ७४ वर्षों बाद भी ऐसी स्थिति होना, यह अभी तक के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ! सरकार को यह जानकारी देने के साथ स्थिति सुधारने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास करने चाहिए, ऐसी भारतीयों की अपेक्षा है !
नई दिल्ली – देश के ४२ सहस्र विद्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं, तो १५ सहस्र विद्यालयों में शौचालय नहीं, ऐसी जानकारी केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी । उन्होंने यह जानकारी एकीकृत जिला सूचना प्रणाली शिक्षा के आंकड़ों के आधार पर दी । पानी और शौचालय इनकी उपलब्धता में आसाम आगे होने की जानकारी इन आंकडों में दी गई है । यहां ८ सहस्र ५२२ विद्यालयों में पीने का पानी नहीं है ओैर १३ सहस्र ५०३ विद्वालयों में लडकियों के लिए स्वतंत्र शौचालय नहीं है । (आसाम में पिछले ५ वर्षों से भाजपा की सरकार होते हुए ऐसी स्थिति होना अपेक्षित नहीं – संपादक)
Union Education Minister Ramesh Pokhriyal in #RajyaSabha: Over 42,000 government schools across the country do not have drinking water facilities, while more than 15,000 schools have no toilets. pic.twitter.com/MXIRhgz4Hq
— Asianet Newsable (@AsianetNewsEN) March 19, 2021
पोखरियाल ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी विद्यालयों के साथ सभी विद्यालयों में लडके-लडकियों के लिए स्वतंत्र प्रसाधन गृह और सभी विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित और भरपूर पीने का पानी उपलब्ध करके देना चाहिए, ऐसी सूचना बारबार दी है ।
"Ministry has repeatedly advised states and UTs to ensure that all the schools should have proper provision for separate toilets for boys and girls," said Ramesh Pokhriyal.@DrRPNishank#education#governmentschoolhttps://t.co/6txITH5kMh
— The Logical Indian (@LogicalIndians) March 19, 2021
(केवल सूचना देने का उपयोग नहीं, तो उसमें कौन सी परेशानी है, यह जानकर उसे दूर करने का प्रयास सरकार को करना चाहिए ! – संपादक)