(कहते हैं) ‘मोदी सरकार आने से भारत में लोगों को मिलने वाली स्वतंत्रता घट गई !’ – अमेरिका के ‘ग्लोबल फ्रीडम हाउस’ की रिपोर्ट

  • भारत के धर्मांध, शहरी नक्सलवादी, जिहादी आतंकवादियों को मिलने वाली ‘स्वतंत्रता’ घटने की चिंता अमेरिका की संस्था को लगने से वो जानबूझकर इस प्रकार की रिपोर्ट जारी कर भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रही है, यह ध्यान दें !

  • अमेरिका में दिनोंदिन नक्सलवादी हमलों में बढोत्री होने से इस अमेरिकी संस्था को पहले वहां के लोगों की स्वतंत्रता की चिंता करनी चाहिए । भारत में किसको कितनी स्वतंत्रता देनी है, इसका विचार करने में भारतीय समर्थ हैं !

वाशिंगटन (अमेरिका) – यहां के ‘ग्लोबल फ्रीडम हाउस’ द्वारा प्रकाशित की वार्षिक रिपोर्ट में स्वतंत्रता के विषय में भारत को मिलने वाले अंक ७१ से कम कर ६७ कर दिए हैं । विश्व के २११ देशों में भारत का क्रमांक ८८ वां है । इससे पूर्व भारत इस सूची में ८३ वें स्थान पर था । अर्थात भारत ५ स्थान से पिछड गया है । नागरिकों को दिए जाने वाले अधिकार और स्वतंत्रता वर्ष २०१४ में नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के बाद से नष्ट होने का दावा ‘ग्लोबल फ्रीडम हाउस’ ने किया है । मुसलमानों पर होने वाले हमले, देशद्रोह के कानून का प्रयोग, सरकार द्वारा कोरोना परिस्थिति से निपटने के लिए किया लॉक डाउन, इन सभी बातों की पृष्ठभूमि पर भारत के लोगों की स्वतंत्रता पर हमला होने का दावा ‘ग्लोबल फ्रीडम हाउस’ ने किया है । मोदी सरकार आने से भारत में लोगों को मिलने वाली स्वतंत्रता घटने का उल्लेख इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है ।

१. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार ने मानवी अधिकारों के लिए लडने वाली संस्थाओं पर दबाव बनाया है । अलग अलग विषयों के जानकार और पत्रकारों को धमकाने की घटनाएं हुई हैं। कट्टरवादियों की ओर से होने वाले हमलों की मात्रा बढी है। इनमें मॉब लिंचिंग और मुसलमानों पर होने वाले हमले भी शामिल हैं ।

२. विश्व में सर्वाधिक स्वतंत्र देशों में १०० में से १०० अंक प्राप्त कर फिनलैंड, नार्वे और स्वीडेन पहले स्थान पर हैं, तो सबसे कम स्वतंत्र देशों में तिब्बत और सीरिया शामिल हैं ।