मथुरा के संत बाबा जय गुरुदेव की आगामी काल से संबंधित भविष्यवाणी !
कलियुग में मनुष्य द्वारा पाप और अधर्म की सीमाएं पार कर विनाश का मार्ग खोजना !
बाबा जय गुरुदेव ने कहा है कि कलियुगांतर्गत कलियुग आनेवाला है । कलियुग अभी समाप्त नहीं होगा; परंतु बीच के १ सहस्र वर्षों के लिए सत्ययुग का आगमन होनेवाला है । अभी कलियुग प्रारंभ होकर केवल ५ सहस्र ५०० वर्ष हुए हैं । अर्थात कलियुग समाप्त होने के लिए और सवाचार लाखों से अधिक वर्षों की अवधि शेष है; परंतु इस अल्प अवधि में ही मनुष्य ने पाप और अधर्म की सीमा पार कर स्वयं के विनाश का मार्ग खोज लिया है । पाप और अधर्म की मात्रा कलियुग के अंतिम चरण में जितनी होनी चाहिए थी, वह मनुष्य ने अभी उत्पन्न कर ली है ।
ऐसे रोग आएंगे कि डॉक्टर भी उसका निदान नहीं कर पाएंगे !
संपूर्ण विश्व में वर्षा से पूर्व नदियां और झरने सूख जाएंगे । नदी, तालाब, झरनों में थोडा पानी भी शेष नहीं रहेगा । इसलिए बिजली नहीं बन पाएगी, कारखाने बंद हो जाएंगे, कामकाज ठप्प हो जाएगा, पानी का स्तर नीचे चला जाएगा । इसलिए किसानों को कृषि के लिए पानी उपलब्ध नहीं होगा । पानी के अभाव में किसान अनाज नहीं उगा पाएंगे । वर्तमान में आपको पेटभर भोजन मिल रहा है । इसलिए आप नहीं मानते । जब किसान खेत में अनाज नहीं उगा पाएंगे, तब आपके पैसों का कोई लाभ नहीं होगा । भयानक भुखमरी फैलेगी । संपूर्ण संसार में हाहाकार मचेगा । एक समय ऐसा आएगा कि लोग आपके पैसे अथवा सोना नहीं, अपितु अनाज की चोरी करेंगे। अनाज चुराने के लिए लोग एक-दूसरे की हत्या करेंगे, रोग फैलेंगे। यह सब आपके पापों का फल होगा । ऐसे रोग आएंगे कि डॉक्टर भी उसका निद़ान नहीं कर पाएंगे।
आनेवाले कठिन काल में गुरुकृपा, सत्संग और सेवा के आधार पर ही मनुष्य की रक्षा होगी !
मांसाहार करना, गोहत्या, मद्यपान, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, अनाचार, दुराचार छोडना आवश्यक है, अन्यथा विनाश अटल है । बडी मात्रा में भूकंप आनेवाले हैं, जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की है । पापों की मात्रा जब अत्यधिक बढ जाती है, तब सृष्टि अप्रसन्न होकर हाहाकार मचाती है । कुछ महात्माआें ने यह परिस्थिति रोककर रखी है; परंतु समय अल्प रह गया है । परिवर्तन का दिन निकट आ गया है । जो लोग महात्माआें अथवा संतों की बात नहीं मानते, वे कलियुग और सत्ययुग के बीच पिस जाएंगे । जो धर्म से एकनिष्ठ रहेंगे, वे ही इसमें बचेंगे। अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, भारत, अरब देश आदि पर विपत्ति का समय आएगा । आनेवाले काल में जीवित रहने के लिए गुरुकृपा, सत्संग और सेवा का आधार लेना आवश्यक है। अभी समय है, शुद्ध शाकाहारी बनें, मांसाहार टालें, धर्म के मार्ग पर चलें, महात्माआें द्वारा बताए अनुसार आचरण करें । पुनः अवसर नहीं मिलेगा अन्यथा आपका विनाश अटल है ।
मथुरा के संत बाबा जय गुरुदेव ने वर्ष २०१२ में देहत्याग किया था । उत्तर भारत में उनका भक्त परिवार बडा है। वे स्थान-स्थान पर प्रवचन देते थे । मथुरा में उनका ‘जय गुरुदेव नामयोग साधना मंदिर’ नामक आश्रम है । सभी देशों में घूमकर उन्होंने ‘जय गुरुदेव’ के नाम का प्रचार किया । ‘यू ट्यूब’ पर उनके अनेक प्रवचन हैं । उनमें से एक प्रवचन में उन्होंने आपातकाल और उसके पश्चात आनेवाले सत्ययुग से संबंधित जानकारी बताई है । वह यहां लेख के स्वरूप में दे रहे हैं ।
सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु (डॉ.) आठवलेजी ने आगामी काल के संदर्भ में ऐसी ही भविष्यवाणी की है । |
कलियुग का विश्वयुद्ध केवल १८ मिनटों का हो सकता है !
अधर्म के विनाश के लिए पुनः महाभारत होता है । इस विनाश में एक ही समय पर करोडों लोगों की मृत्यु होती है । प्रथम संपूर्ण संसार पर आर्थिक संकट में आएगा, अनाज की कमी के कारण हाहाःकार मचेगा । सर्व देश एक दूसरे के विरुद्ध खडे हो जाएंगे । अनेक देशों ने युद्ध के लिए विध्वंसक उपकरणों की तैयारी की है । सहस्रों मील की दूरी से क्षेपणास्त्र आकर जिस देश पर गिरेगा, उस देश का बडी मात्रा में विनाश होगा । यह विध्वंस इतना तीव्र होगा कि, रात को सोते समय का चित्र अलग होगा और सवेरे जागने पर संपूर्ण चित्र ही बदला हुआ दिखाई देगा । द्वापरयुग के महाभारत का युद्ध १८ दिनों का हुआ था, कलियुग का युद्ध केवल १८ मिनटों का हो सकता है; परंतु उन १८ मिनटों में बहुत नरसंहार होगा । बहुत से लोगों की अकाल मृत्यु होगी। साधु-संत(महात्मा) आपकी रक्षा करना चाहते हैं; परंतु आप उनके संपर्क में नहीं आते ।