मेरी सफलता में भारतीय संस्कारों का सबसे बडा योगदान !

‘नासा’ के मंगल अभियान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली स्वाती मोहन का प्रतिपादन !

कितने भारतीय वैज्ञानिक, संशोधक ऐसा कहते हैं ? इस संबंध में भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी, पाश्चात्त्यों का अंधानुकरण करनेवाले मुंह नहीं खोलते !

सौजन्य- ( द बेटर इंडिया)

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – नासा का ‘पर्सीवरेन्स’ रोवर मंगल पर सफलतापूर्वक उतरने में मेरे सहभाग में भारतीय संस्कारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है । मेरे परिवार में भारतीय मूल्यों की धरोहर है । यही सबसे बडी सीख है, ऐसा प्रतिपादन अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था ‘नासा’ की भारतीय वंश की वैज्ञानिक स्वाती मोहन ने इस घटना के उपरांत किया । रोवर सफलतापूर्वक लैंड करने की सर्वप्रथम जानकारी फ्लाइट कंट्रोलर स्वाती मोहन ने दी । स्वाती मोहन नासा में गाइडेन्स, नेवीगेशन और कंट्रोल्स ऑपरेशन की प्रमुख हैं । स्वाती मोहन जब एक वर्ष की थीं, तब उनका परिवार अमेरिका में स्थायी हो गया था ।

स्वयं की सफलता से भावी पीढी को मार्गदर्शन करते समय उन्होंने कहा कि स्वयं की जिद पूर्ण करने के लिए उस पर बने रहें । कोई भी एक अनुभव अथवा एक सफलता आपको अधिक सफल अथवा पराभूत नहीं कर सकती । सफलता हो अथवा असफलता उसके अनुभव से आप क्या और कैसे सीखे यह महत्त्वपूर्ण होता है । ये अनुभव आपको आगे ले जाने में सहायता करते हैं ।