तामिलनाडू के इस्लामी संघठनों की मारवाडी समाज को तामिलनाडु छोड कर जाने की धमकी

  • तामिलनाडू में अन्नाद्रमुक की सरकार है और उसे भाजपा का समर्थन है । यह होते हुए भी इस प्रकार की धमकियां हिंदूओं को देने का साहस धर्मांधों का कैसे होता है ?
  • हिंदूओं के एकएक समाज को लक्ष्य बनाना धर्मांधों की नई साजिश है, इससे यही ध्यान में आता है ! इसलिए हिंदूओं को संघठित होकर इसका विरोध करना चाहिए और ऐसे संघठनों पर कार्यवाही करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को विवश करना चाहिए !

चेन्नई – भाजपा नेता कल्याणरमण इनको हत्या की धमकी देने के बाद तामिलनाडू के इस्लामी संघठनों ने मारवाडी समाज और विशेष रूप से उत्तर भारतीयों पर कल्याणरमण को प्रोत्साहन देने का आरोप कर उनके विरुद्ध द्वेष फैलाने का अभियान चालू किया है । उन्हें एक हस्तपत्रक द्वारा तामिलनाडु छोडकर जाने की धमकी दी है । जिहादियों के विषय में स्पष्टता से बोलने वाले तामिलनाडु के भाजपा नेता कल्याणरमण को तथाकथित इस्लाम विरोधी भाषण करने के मामले में बंदी बनाया गया था । ‘उन्होंने एक भाषण में पैगंबर के विरुद्ध अपशब्द कहे’, ऐसा झूठा आरोप उनके ऊपर लगाया था । कल्याणरमण को बंदी बनाए जाने के बाद भी धर्मांध खुलेआम अपने भाषणों में शरीयत के अनुसार कल्याणरमण की हत्या करने के लिए भीड को प्रोत्साहन दे रहे हैं ।

१. कल्याणरमण के विरोध के नाम में कुछ इस्लामी संघठनों ने त्रिची के मारवाडी समाज के विरुद्ध द्वेष फैलाने का अभियान चलाया है । कुछ मुसलमानों ने त्रिची में कुछ दिन पूर्व एक गली में पत्रक बाटें जहां अधिकतर दुकानें मारवाडियों की है । इस पत्रक में दुकानदारों को ८ फरवरी के दिन दुकाने बंद रखने को कहा गया था । पत्रक में ऐसी मांग की है कि, मारवाडियों को तामिलनाडू छोडकर उनके ‘मूल स्थान’ वापस जाना चाहिए । मारवाडियों पर धार्मिक अशांतता बढाने का प्रयास करते हुए भाजपा को आर्थिक सहायता करने का आरोप इन संघठनों की ओर से किया गया है ।

२. पत्रक में ऐसा दावा किया है कि, तामिलनाडच में हिंदु, मुसलमान और ईसाई भाई-बहनों के समान रह रहे हैंः लेकिन भाजपा समाज में द्वेष फैलाकर अशांतता निर्माण करने का प्रयास कर रही है । यदि इस कारण कोई भी हिंसा होती है या सार्वजनिक संपत्ति की तोडफोड होती है, तो मारवाडी समाज इसके लिए उत्तरदायी होगा और सरकार को उनकी ओर से हानीभरपाई वसूल करनी चाहिए ।

३. अंत में पत्रक में ऐसी धमकी दी गई है, ‘जो हमारी ओर आएंगे उन्हें हम जीवनदान देंगे, यदि आपने गलत व्यवहार किया तो हम आपकी दुकानें हमेशा के लिए बंद कर देंगे ।’

४. इस द्वेष अभियान का भाजपा नेताओं ने निषेध किया है । भाजपा ने आरोप लगाया है कि, तमिजागा मक्कल जननायक कच्ची (तमिल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) यह पार्टी द्वेष फैलाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए शासन को इसके विरोध में कार्यवाही करनी चाहिए ।

५. जनवरी २०२० में ‘तमिल लोगों की नौकरी और व्यवसाय हडपने के लिए मारवाडियों को तामिलनाडु के बाहर निकाल देना चाहिए’, ऐसा अभियान ‘तमिले देशिया कच्ची’ (तमिल राष्ट्रवादी पार्टी) इस पार्टी ने हाथ में लिया था । चेन्नई के रिची स्ट्रीट में एक मारवाडी दुकानदार ने नागरिकता सुधार अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण को समर्थन दे रहे हैं’, ऐसा लिखा पेन बाटने के कारण धर्मांधों ने दुकान पर आक्रमण किया था ।