बेंगलुरु की एक पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को बंदी बनाया गया

किसान आंदोलन पर ‘टूलकिट’ ट्वीट करने वाले पर्यावरणविद् ग्रेटा थुनबर्ग का मामला

इससे दिखाई देता है कि, भारत के पर्यावरणवादी ‘पर्यावरण बचाओ’ के नाम पर किस प्रकार देश विघातक कार्यवाही करते हैं । भारत सरकार को ऐसों पर कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता !

दिशा रवि व ग्रेटा थनबर्ग

बेंगलूरू (कर्नाटक) – स्विडेन की पर्यावरणवादी कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन पर किए ट्वीट के साथ ‘टूलकिट’ (किसान आंदोलन के विषय की संपूर्ण रूपरेखा) प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पूलिस ने यहां की २१ वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता और विद्यार्थी दिशा रवि को बंदी बनाया है । ‘टूलकिट’ में बदलाव कर उसमें और मुद्दे समाविष्ट कर उसे आगे भेजने का उसके ऊपर आरोप है ।

इस मामले में ४ फरवरी को पूलिस ने अपराथ प्रविष्ट किया था । दिशा जलवायु परिवर्तन पर ‘प्राइड फार फ्यूचर’ इस अभियान की संस्थापन सदस्य है । पुलिस द्वारा दिशा की जांच करने पर उसने ‘टूलकिट में बदलाव कर आगे भेजी’ ऐसी स्वीकृति दिए जाने की पुष्टि दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा अधिकारियों ने की । इस टूलकिट द्वारा भारत में किसान आंदोलन पर असंतोष निर्माण करने की रूपरेखा संबंधित लोगों को दी थी और उसके अनुसार प्रत्येक कृति की जा रही थी ।